अजमेर

अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज का 813वां उर्स, जन्नती दरवाजा खुला; चांद नहीं दिखा तो उर्स की रस्में कल से

Ajmer Sharif Urs 2024: चांद नजर आया तो बड़े पीर की पहाड़ी से तोप दाग कर और दरगाह में शादियाने बजा कर चांद की घोषणा की जाएगी।

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Jan 01, 2025

अजमेर।सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के तहत परम्परानुसार मंगलवार रात दरगाह में संदल लेने के लिए जायरीन में होड़ मची रही। खादिमों ने संदल जायरीन में तकसीम किया। बुधवार को रजब का चांद देखने के लिए हिलाल कमेटी की बैठक होगी।

चांद नजर आया तो बड़े पीर की पहाड़ी से तोप दाग कर और दरगाह में शादियाने बजा कर चांद की घोषणा की जाएगी। चांद नजर नहीं आने पर गुरुवार रात को पहली महफिल के साथ ही उर्स के रसूमात शुरू हो जाएंगे। जायरानी के लिए बुधवार सुबह ​​​​​​​जन्नती दरवाजा खोल दिया गया।

संदल के लिए मची होड़

ख्वाजा साहब की मजार शरीफ पर सालभर चढ़ाए जाने वाला संदल खिदमत के वक्त उतारा गया। खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि ख्वाजा साहब के उर्स से पहले चांद की 28 तारीख को दरगाह में संदल उतारा जाकर जायरीन में वितरित किया गया। मान्यता है कि बीमारी में इस संदल को पानी में डाल कर पीने से राहत मिलती है। संदल को खादिम अपने घरों में भी रखते हैं और सालभर यहां आने वाले जायरीन में वितरित करते हैं।

कलंदर पहुंचे अजमेर

ख्वाजा साहब के उर्स का पैगाम देते हुए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल कर आए सैकड़ों कलंदरों का जत्था भी मंगलवार को अजमेर पहुंच गया। गेगल टोल प्लाजा के पास सर्वधर्म एकता समिति के अध्यक्ष सैय्यद खुश्तर चिश्ती ने कलंदरों का इस्तकबाल किया। गगवाना स्थित हजरत मुश्ताक अली पीर के मजार पर कलंदरों की टोलियां पहुंची। कलंदर घूघरा स्थित रोशन अली शाह पीर की दरगाह होते हुए गरीब नवाज के चिल्ले पर पहुंचेंगे।

छड़ियों का जुलूस आज

उर्स के मौके पर बुधवार को छड़ियों का जुलूस निकाला जाएगा। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से मलंग व जायरीन पैदल दरगाह पहुंचेंगे। दोपहर 3 बजे गंज स्थित उस्मानी चिल्ला से जुलूस रवाना होकर सूफी सेन्ट स्कूल के सामने से होकर ऋषि घाटी पहुंचेगा।

यहां से उस्मानी मुईनी गुदडीशाही खानकाह के सज्जादानशीन हजरत ईनाम हसन गुदडीशाह बाबा पंचम की अध्यक्षता में दरगाह शरीफ में प्रवेश करेगा। यहां देश के कोने कोने से मलंगों बाबाओं की ओर से लाई हुई छड़िया व झंडे आस्ताना के दरवाजे पर लगाएंगे। मलंगों व बाबाओं की भोजन व चिकित्सा की व्यवस्था उस्मानी मोईनी गुदड़ी शाही खानकाह की ओर से उस्मानी चिल्ले पर की गई है।

Published on:
01 Jan 2025 12:15 pm
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