राजस्थान में करेडा तहसीलदार पद पर तैनात बीजेपी विधायक पुत्री कंचन चौहान के दिव्यांगता प्रमाणपत्र की जांच शुरू हो गई है। इस मामले में मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी गई थी, जिसके बाद मामले में जानकारी मांगी गई है।
ब्यावर (अजमेर)। विधायक शंकरसिंह रावत की पुत्री करेडा तहसीलदार कंचन चौहान के दिव्यांगता प्रमाण पत्र की जांच शुरू हो गई है। निदेशालय विशेष योग्यजन के अतिरिक्त निदेशक ने राजस्व बोर्ड के रजिस्ट्रार को दिव्यांगता की जांच करवाकर रिपोर्ट भिजवाने के लिए लिखा। इसके बाद राजस्व विभाग की ओर से जांच शुरू करवा दी गई है।
ब्यावर निवासी फणीशकुमार सोनी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को शिकायत की। इसमें आरोप लगाया कि विधायक रावत की पुत्री कंचन ने राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित आरएएस भर्ती परीक्षा में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया। इसकी जांच करवाई जाए।
विधायक शंकरसिंह रावत की पुत्री कंचन चौहान मौजूदा समय में करेडा तहसीलदार पद पर तैनात हैं। फर्जी दिव्यांगता प्रमाणपत्र की बात सामने आने के बाद निदेशालय विशेष योग्यजन अतिरिक्त निदेशक चन्द्रशेखर चौधरी ने इस मामले में राजस्व बोर्ड के रजिस्ट्रार से जानकारी मांगी है।
राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने विभिन्न विभागों में कार्यरत दिव्यांग कार्मिकों के दिव्यांग प्रमाण पत्र की मेडिकल बोर्ड से पुनः जांच करवाई। इसमें अनियमितताएं सामने आईं। इन्हें ध्यान में रखते हुए सभी विभागों में कार्यरत दिव्यांग कार्मिकों की दिव्यांगता की मेडिकल बोर्ड से पुनः जांच करवाई जाएगी।