कभी-कभी जिंदगी इतनी खामोश हो जाती है कि मौत भी चीख कर बताती है कि ‘कोई पास नहीं है।’ गंज थाना क्षेत्र के नवल नगर में किराए के कमरे में रहने वाले शेख मोहम्मद कलाम की लाश सड़ी-गली अवस्था में मिली।
अजमेर। कभी-कभी जिंदगी इतनी खामोश हो जाती है कि मौत भी चीख कर बताती है कि ‘कोई पास नहीं है।’ गंज थाना क्षेत्र के नवल नगर में किराए के कमरे में रहने वाले शेख मोहम्मद कलाम की लाश सड़ी-गली अवस्था में मिली। उसका शव करीब तीन दिन पुराना था। वह बीमार होने के साथ,अकेला भी था। आसपास किसी को भी तीन दिन तक खबर तक नहीं लगी कि उसकी सांसें थम चुकी हैं।
पुलिस के अनुसार लौंगिया क्षेत्र में नवल नगर में रहने वाले मकान मालिक आसिफ खान को 9 नवम्बर की शाम किराएदार के कमरे से तेज दुर्गंध आई। उन्होंने दो-तीन दिन से किराएदार शेख मोहम्मद कलाम को देखा भी नहीं था। उन्होंने गंज थाने को सूचना दे दी।
पुलिस की मौजूदगी में कमरे का दरवाजा खोला तो भीतर शेख मोहम्मद अब्बास (45) की सड़ी गली लाश मिली। पुलिस ने वारिसान की तलाश के लिए शव को मोर्चरी में रखवाया लेकिन तीन दिन बाद भी कोई वारिस सामने नहीं आया तो मकान मालिक आसिफ खान ने उसको सुपुर्द ए खाक करने का फैसला किया।
पड़ताल में सामने आया कि अब्बास पिछले दो साल से आसिफ खान के मकान में किराए पर रह रहा था। वह दरगाह क्षेत्र के आसपास के एक होटल में काम करता था और लंबे समय से अजमेर में ही रह रहा था। पड़ताल में सामने आया कि उसका कोई अपना भी नहीं था। न परिवार, न रिश्तेदार, न मित्र जो उसके हालात जान सकें। साथी किरायेदार बिहार चुनाव के लिए अपने गांव गया हुआ था। इधर बीमार अब्बास भी पिछले कुछ दिनों से कमरे से बाहर नहीं निकला था।
गंज थाना पुलिस ने तीन दिन तक उसके परिजन, वारिसान की तलाश का प्रयास किया, पर कोई सफलता नहीं मिली। आखिर मकान मालिक आसिफ खान ने इंसानियत के नाते उसकी अंतिम रस्म पूरी करवाई। आसिफ ने बताया, शेख मोहम्मद कलाम चुपचाप रहता था… दो दिन से वह दिखा भी नहीं तो लगा बीमार हो गया होगा। पर कमरे से बदबू आई तो वह समझ गया कुछ गड़बड़ है।