Rajasthan News : बड़ी खबर। राजस्थान के सभी विश्वविद्यालयों के लिए कॉमन एक्ट बनेगा। राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने इसके लिए एक कमेटी बनाई है। यह कमेटी 20 जनवरी तक रिपोर्ट देगी। जानें इससे क्या होगा फायदा।
Rajasthan News : 50 साल बाद राजस्थान के विश्वविद्यालयों में होगा एक बड़ा बदलाव। राजस्थान के सभी विश्वविद्यालयों में कॉमन एक्ट और समान कार्यप्रणाली की कवायद शुरू हो गई है। राज्यपाल और कुलाधिपति हरिभाऊ किसनराव बागडे ने उच्चस्तरीय कमेटी गठित की है। कमेटी 20 जनवरी तक राजभवन को रिपोर्ट देगी।
राजस्थान में 28 सरकारी विश्वविद्यालय हैं। इनके एक्ट, अधिनियम, कार्यप्रणाली विधानसभा से पारित हैं। अलग-अलग एक्ट-अधिनियम कार्य प्रणाली के अनुसार इनमें शैक्षिक, प्रशासनिक कामकाज किए जा रहे हैं। इससे कई बार विद्यार्थियों, शिक्षकों, शोधार्थियों को परेशानी होती हैं। खासतौर पर एक विश्वविद्यालय से माइग्रेशन लेकर दूसरे विश्वविद्यालय में दाखिलों, भर्तियों, खरीद-फरोख्त, नौकरी ज्वॉइन करने, शोध, पदोन्नति, वेतन-भत्तों ,राज्य सरकार के आदेशों की पालना में अंतर है। विश्वविद्यालयों के कामकाज में एकरूपता को लेकर राज्यपाल और कुलाधिपति हरिभाऊ किसनराव बागडे ने कमेटी गठित की है।
उच्च शिक्षा सचिव डॉ. आरुषि मलिक, चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार,कृषि सचिव राजन विशाल, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक, राजभवन के उपसचिव मुकेश कलाल।
कॉमन एक्ट और समान कार्यप्रणाली को लेकर पिछले 20 साल में कई बार कवायद हो चुकी है। 2005 में तत्कालीन राज्यपाल प्रतिभा पाटील (बाद में राष्ट्रपति), 2009 में शीलेंद्र कुमार सिंह, 2015 में कल्याण सिंह ने भी कमेटी गठित की थी। लेकिन कई विश्वविद्यालयों ने स्वायत्तता प्रभावित होने को लेकर विरोध जताया था। इसके चलते गाड़ी आगे नहीं बढ़ पाई।
1- 28 सरकारी विश्वविद्यालय हैं राज्य में।
2- 45 लाख से विद्यार्थी जुड़े हैं विवि से।
3- 350 से 450 विषयों की कराते हैं परीक्षा।
4- 40 से 100 कोर्स प्रति विवि संचालित हैं कैंपस में।