
Banswara Status Change : बांसवाड़ा के लिए शनिवार शाम भारी पड़ी। राजस्थान में भजनलाल कैबिनेट ने बांसवाड़ा से संभाग का दर्जा छीन लिया। इस बड़े मुद्दे पर पत्रिका ने सर्वे किया तो आम लोगों ने बेबाकी से राय दी, लेकिन जनता के हितों का दावा करते नहीं थकते नेता कन्नी काटते नजर आए। पत्रिका टीम ने शाम से लेकर देर रात तक वागड़ के बड़े नेताओं से सम्पर्क साधने की कोशिश की, लेकिन पहले तो कोई जवाब नहीं दिया, फिर फोन ही बंद कर लिए। पूर्व केबिनेट मंत्री महेंद्र जीत सिंह मालवीया को फोन पर पत्रिका रिपोर्टर ने ज्योंही बांसवाड़ा का संभाग मुख्यालय दर्जा उनकी ही पार्टी की सरकार द्वारा खत्म करने की बात पूछी तो वह बोले- मुझे अभी इसकी जानकारी नहीं है। देखकर बता सकता हूं। अगले ही पल मालवीया ने फोन काट दिया। उसके बाद से उनका फोन नो रिप्लाई रहा। इसी तरह, विपक्षी कांग्रेस से विधायक अर्जुन बामनिया ने भी पत्रिका रिपोर्टर के फोन का कई कोशिशों के बावजूद जवाब नहीं दिया। इधर, बांसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद व बीएपी नेता राजकुमार रोत से सम्पर्क करने पर पहले बोले- मैं किसी कार्यक्रम में हूं। बाद में बात करता हूं। फिर अपना फोन ही बंद कर लिया।
पर आज रविवार को BAP पार्टी से सांसद राजकुमार रोत ने अपने सोशल मीडिया अंकाउट X पर लिखा कि बांसवाड़ा संभाग को निरस्त करके राज्य सरकार ने बांसवाड़ा-डूंगरपुर की जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है। मध्यप्रदेश और गुजरात की सीमा पर रहने वाला एक गरीब आदिवासी लगभग 240 किमी की दूरी तय करके उदयपुर आना तो सोच भी नहीं सकता। सरकार का यह कदम आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की जनता के साथ बहुत अन्यायपूर्ण है। @BhajanlalBjp इस फैसले पर पुनर्विचार कर बांसवाड़ा संभाग को यथावत रखें।
राजकुमार रोत, सांसद, BAP
पिछली कांग्रेस सरकार ने बिना सोचे समझे संभाग व जिलों की घोषणा की थी। देश में कोई राज्य सरकार एक साथ इतने जिले नहीं बना सकी, लेकिन अशोक गहलोत ने चुनावी फायदे के लिए बनाए। अधिकतर जगह जिला बनने की बुनियादी व्यवस्था कायम कर जिले व संभाग बनाने चाहिए थे। भजनलाल सरकार का निर्णय सही है। सरकार ने पूरी समीक्षा कर निर्णय लिया है। बांसवाड़ा का विकास भाजपा सरकार की प्राथमिकता है। राज्य सरकार एवं भाजपा यहां जनता को आश्वस्त करती है कि उनके सर्वांगीण विकास एवं प्रशासनिक कार्यों को समय पर पूरा करवाएंगे।
लाभचंद पटेल, भाजपा जिला अध्यक्ष, बांसवाड़ा
मुख्यमंत्री ने आर्थिक स्थितियों को देखकर निर्णय किया है तो सोच-समझकर ही किया होगा। वैसे आम जनता का तो कोई संभाग मुख्यालय पर काम पड़ता नहीं है। मुख्यालय पर जनप्रतिनिधि का हम कराएंगे, भले उदयपुर जाना पड़े या जयपुर।
कैलाश मीणा विधायक गढ़ी
Updated on:
29 Dec 2024 03:42 pm
Published on:
29 Dec 2024 03:41 pm
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