वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट की अनिवार्यता के चलते चालान से बचने का बाजार में प्लेट लगाने वालों ने तोड़ निकाल लिया है। शहर में कुछ जगह दुकानदार वाहन मालिकों को हाई सिक्योरिटी की डुप्लीकेट नम्बर प्लेट सस्ते दाम में बेच रहे हैं।
मनीष सिंह/अजमेर। वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट की अनिवार्यता के चलते चालान से बचने का बाजार में प्लेट लगाने वालों ने तोड़ निकाल लिया है। शहर में कुछ जगह दुकानदार वाहन मालिकों को हाई सिक्योरिटी की डुप्लीकेट नम्बर प्लेट सस्ते दाम में बेच रहे हैं। प्लेट लगवाने की अंतिम तारीख नजदीक आने के साथ ही ऑनलाइन स्लॉट बुक करवाने की मारा-मारी के बीच फर्जी नम्बर प्लेट धड़ल्ले से लगाई जा रही हैं।
पत्रिका टीम ने सोमवार को शहर के कचहरी रोड, पुलिस लाइन के सामने नम्बर प्लेट का काम करने वालों के यहां पड़ताल की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। यहां हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुक करवाने के 550 से 600 रुपए तक वसूले जा रहे हैं।
यही नहीं वाहन मालिक को स्लॉट बुक करवाने के बाद जिले के सीमावर्ती कस्बे रूपनगढ़, बान्दनवाड़ा के अलावा पड़ोसी जिले जयपुर, जोधपुर, पाली तक की वाहन एजेन्सियों के स्लॉट बुक करने का डर दिखाया जाता है।
इसके तुरन्त बाद वाहन मालिक को फर्जी नबर प्लेट का विकल्प देते हैं। जिसमें ना तो वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट चाहिए ना चेचिस नबर, ना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट। बस कुछ ही देर में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट से मिलती-जुलती नबर प्लेट बनाकर वाहन पर लगा दी जाती है।
एचएसआरपी का ऑनलाइन आवेदन होता है, सीधे कोई नहीं बना सकता है।
एचएसआरपी का ऑनलाइन आवेदन करने के समय मोबाइल नंबर अपना दें।
आवेदन के बाद आपके मोबाइल पर नबर प्लेट को लेकर मैसेज आता है।
मैसेज में अधिकृत वाहन डीलर की जानकारी भी दी जाती है।
नम्बर प्लेट तैयार होने पर मैसेज आता है, तब डीलर से नम्बर प्लेट लगवा सकते हैं।
तीन, चौपहिया वाहन की एचएसआरपी के साथ एक स्टीकर मिलता है जो वाहन के आगे वाले शीशे पर लगाया जाएगा।
प्रदेश में 30 जून तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने का समय निर्धारित किया गया था लेकिन फिर इसे बढ़ाकर 31 जुलाई कर दिया गया। लेकिन 31 जुलाई नजदीक आते ही अजमेर समेत प्रदेशभर में दुपहिया व चौपहिया वाहन एजेंसियों के 31 जुलाई तक के स्लॉट बुक हो चुके हैं। चालान से बचने की जुगत में नम्बर प्लेट लगाने वाले कई दुकानदारों ने हाई सिक्योरिटी नबरप्लेट की कॉपी बना दी। जिस पर असली नम्बर प्लेट की तरह मिलता जुलता होलोग्राम व उसके नीचे इंग्लिश में ढ्ढहृष्ठ लिखा है। फर्जी नबर प्लेट से सिर्फ यूनिक आईडी नबर नदारद है।
केस-1
कचहरी रोड स्थित एक नम्बर प्लेट की दुकान पर पहुंचे। यहां हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट के लिए सवा 500 रुपए में ऑनलाइन स्लॉट बुक करने की जानकारी दी। जो परिवहन विभाग की ओर से निर्धारित कीमत से 125 रुपए ज्यादा है। इसके अलावा नम्बर प्लेट लगवाने भी एजेंसी पर जाना पड़ेगा। तभी हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट की डुप्लीकेट नम्बर प्लेट ना केवल दिखाई बल्कि एक युवती के स्कूटर पर मात्र 400 रुपए में लगा दी। पत्रिका संवाददाता को भी डुप्लीकेट लगवाने की नसीहत दे डाली।
केस-2
कचहरी रोड स्थित दूसरी दुकान पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाने के लिए कहा तो साढ़े 500 रुपए में सिर्फ जिले के सीमावर्ती कस्बे की एजेंसी का स्लॉट बुक करवाने के लिए कहा। नम्बर प्लेट लगवाने भी एजेंसी तक जाना पड़ेगा। इसके अलावा काउंडर पर बड़ी संख्या में हाइ सिक्योरिटी नम्बर प्लेट की हू-ब-हू नम्बर प्लेट का ढेर पड़ा था। संचालक ने चालान से बचने के लिए मात्र 300 रुपए में डुप्लीकेट हाइसिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाने की सलाह दे डाली।
केस-3
पुलिस लाइन मुख्यद्वार के पास नम्बरप्लेट की दुकान पर पहुंचे तो पत्रिका संवाददाता से पहले कुछ वाहन मालिक दुपहिया वाहन पर डुप्लीकेट नम्बर प्लेट लगवा रहे थे। वाहन मालिक के सामने नकली नम्बर प्लेट पर मोनोग्राम लगाकर तैयार किया जा रहा था। ब्यावर से आए युवक ने ना केवल अपनी बाइक पर नकली हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगवाई बल्कि अपने परिवार के दो अन्य वाहन के लिए भी नकली नम्बर प्लेट बनवा ली। दुकान संचालक ने असली का स्लॉट बुक करने मात्र के 600 रुपए की मांग की।
हाई सिक्योरिटी नबर प्लेट लगाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है लेकिन 31 जुलाई के बाद की स्लॉट बुकिंग की पर्ची दिखाने पर चालान नहीं बनाए जाएंगे। जल्दबाजी में नकली नम्बर प्लेट लगाने पर काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है। असली हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट पर यूनिक आईडी नम्बर होता है जो वाहन की आरसी में भी होता है। नम्बर प्लेट पर यूनिक आईडी नम्बर नहीं होने पर चालान बनाए जाएंगे। आमजन को फर्जी नम्बर प्लेट लगवाने से बचना चाहिए।
सुमन भाटी, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, अजमेर