परिवहन विभाग की जांच में हुआ खुलासा: किशनगढ़ एटीएस में नियमों को दरकिनार कर करोड़ों रुपए की हेराफेरी
मनीष कुमार सिंह
अजमेर(Ajmer News). किशनगढ़ स्थित एटीएस मरूधरा वाहन फिटनेस सेंटर में बरती जा रही अनियमितताएं महाघोटाले में तब्दील हो चुकी हैं। विभागीय जांच में पाया गया कि सेंटर पर ना केवल राजस्थान बल्कि दूसरे राज्य के वाहनों के आए बिना फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी किए जा रहे है। सेंटर पर वाहन मालिक से निरीक्षण, फिटनेस प्रमाण-पत्र के लिए शुल्क व ग्रीन टैक्स वसूला तो जा रहा था, लेकिन केन्द्र और राज्य सरकार के राजकोष में जमा नहीं हो रहा है।
पत्रिका में 4 अगस्त को प्रकाशित खबर के बाद परिवहन आयुक्त जयपुर के आदेश पर 8 अगस्त को प्रादेशिक परिवहन अधिकारी सुमन भाटी, डीटीओ राघव शर्मा, सहायक लेखाधिकारी मुकेश गुप्ता ने किशनगढ़ एटीएस की जांच में भारी अनियमिताएं पाई। मरुधरा वाहन फिटनेस सेन्टर(एटीएस) किशनगढ़ पर वाहनों के बिना आए फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी किए गए। अन्य राज्यों के यात्री वाहनों की पोर्टल पर परमिट, फीस हिस्ट्री की जांच में पाया कि तीन वाहन ऑल इंडिया परमिट है। शेष वाहन राज्य में पंजीकृत हैं। उनका स्थानीय परमिट है या नहीं है। जांच में पाया कि किसी भी वाहन का राजस्थान आने के लिए ना तो स्पेशल परमिट लिया ना टेम्परेरी परमिट। एटीएस किशनगढ़ ने बिना वाहनों के सेंटर पर आए ही फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी कर दिए।
-सेंटर पर एक अगस्त से 7 अगस्त 2025 तक 938 वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट बनाए। जांच के लिए सेंटर प्रबंधन से अवधि का सीसीटीवी फुटेज मांगा गया लेकिन नहीं मिला। एनवीआर कैमरे की आईडी पासवर्ड भी अमान्य पाए गए। -जिन 938 वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट बने। उसमें 822 अन्य राज्य व 116 राजस्थान के है। जिनके सेंटर पर आए बिना फिटनेस सर्टिफिकेट बन गए। -7 अगस्त को छत्तीसगढ़ में पंजीकृत बस CG04DK0257 का फिटनेस सर्टिफिकेट बनाया। बस स्टेट कैरिज मार्ग आभनपुर(छत्तीसगढ़) से कवर्ड है। जांच में बस का राजस्थान में यात्रा के लिए कोई स्पेशल परमिट नहीं बना। फोटो से भी स्पष्ट हो रहा है कि बस सेंटर पर नहीं आई। -822 वाहनों के पोर्टल पर अपलोड अधिकांश फोटो सेंटर के नहीं है। फोटो से फोटो बनाकर पोर्टल पर अपलोड करके फिटनेस सर्टिफिकेट बनाए गए। -2 अगस्त को महाराष्ट्र में पंजीकृत वाहन MH27X1223 का फिटनेस प्रमाण पत्र बना। वाहन पोर्टल पर सेंटर की फोटो में टैंकर है जबकी पंजीयन रिकॉर्ड में ऑपन बॉडी ट्रक है। जांच में पाया कि वाहन फिटनेस के लिए नहीं आया लेकिन सर्टिफिकेट बन गया।
-एटीएस की जांच में सामने आया कि स्नो मीटर से ध्वनी जांच में ऑपरेटर मैन्युअल एन्ट्री करता पाया। स्पीडो मीटर टेस्टिंग स्टेशन पर रिजल्ट डिस्प्ले होने पर मैन्युअल एन्ट्री हो रही थी। सेंटर पर टेस्ट रिजल्ट डिस्पले होना भी नियमों का उल्लंघन है।
-जांच में वाहन बुकिंग के बाद लेन एक पर 4 वाहन दर्शाए गए जबकि भौतिक रूप से मात्र एक वाहन था। शेष तीन वाहन अन्य राज्यों के थे जो मौके पर नहीं पाए।
-फिटनेस सेंटर की आईसीएआई ऑडिट में मशीनों की वैधता 21-22 जुलाई 2025 को समाप्त हो गई लेकिन फिर भी सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे थे।
ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर का निजीकरण गलत निर्णय था। आरटीओ और डीटीओ का सुपरविजन आवश्यक है। इससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व का नुकसान हो रहा है। सरकार एटीएस लगाकर न केवल अनियमितता रोक सकती है बल्कि सालाना 100 करोड़ से ज्यादा का राजस्व भी अर्जित किया जा सकता है।
वीरेन्द्र कुमार, सेवानिवृत्त अतिरिक्त परिवहन आयुक्त
किशनगढ़ के मरूधरा वाहन फिटनेस सेंटर की गड़बडि़यों व नए विभागीय एटीएस के संबंध में मुझे पंजीयन अधिकार नहीं है। इस संबंध में विभागीय मंत्री व उच्चाधिकारी के स्तर पर फैसले होते हैं।
जगदीश बैरवा, संयुक्त परिवहन आयुक्त(रूलस एण्ड फिटनेस सेंटर)