अलवर शहर की एक संकरी गली में सोमवार को राजस्थान पुलिस का एक ऐसा चेहरा सामने आया, जिसने पुलिस की वर्दी को इंसानियत का प्रतीक बना दिया। 25 फीट ऊंची पहली मंजिल पर बंद एक चार साल की बच्ची को कांस्टेबल ने सीढ़ी पर चढ़कर सुरक्षित नीचे उतारा।
अलवर शहर की एक संकरी गली में सोमवार को राजस्थान पुलिस का एक ऐसा चेहरा सामने आया, जिसने पुलिस की वर्दी को इंसानियत का प्रतीक बना दिया। 25 फीट ऊंची पहली मंजिल पर बंद एक चार साल की बच्ची को कांस्टेबल ने सीढ़ी पर चढ़कर सुरक्षित नीचे उतारा। पुलिस को इसके लिए 45 मिनट तक मशक्कत करनी पड़ी।
बताया जा रहा है कि बच्ची कमरे में बंद थी और रो रही थी। स्थानीय लोगों के माध्यम से अखैपुरा थाना पुलिस को सूचना मिली। इसके बाद एसएचओ विजय यादव टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने बच्ची को नीचे लाने के लिए पहले टॉफी का लालच दिया, लेकिन वह डरी हुई थी। फिर पुलिस ने उसे प्यार से समझाकर झरोखे की तरफ बुलाया। इसके बाद सीढ़ी मंगवाकर एक कांस्टेबल को ऊपर चढ़ाया और बच्ची को झरोखे की तरफ लाकर नीचे उतारा गया। बच्ची को पानी पिलाकर मां को सुपुर्द किया गया।
लोगों ने बताया कि बच्ची कमरे में सोई हुई थी। उससे गलती से दरवाजे का लॉक लग गया था। उठी तो अंधेरा था, जिसकी वजह से वह डर गई और रोने लगी। बच्ची के पिता की मृत्यु हो चुकी है। मां ठेला लगाकर घर का गुजारा चला रही है।
राजस्थान पुलिस के डीजीपी राजीव शर्मा ने मासूम को सुरक्षित निकालने पर पुलिसकर्मियों के काम की प्रशंसा की है। उन्होने कहा कि राजस्थान पुलिस का यह कार्य सेवा, संवेदना और समर्पण का जीवंत उदाहरण है। पुलिस केवल कानून की रक्षक ही नहीं, सजाम की संरक्षक है।