अलवर

Rajasthan: लिपिक भर्ती में चौंकाने वाला खुलासा, आदेश जारी होने से पहले ही 11 लिपिकों ने कर ली ड्यूटी ज्वॉइन

अलवर। जिला परिषद अलवर की ओर से की गई लिपिक भर्ती में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह प्रकरण पंचायत समिति उमरैण से जुड़ा है। यहां नियुक्ति आदेश से पहले ही 11 लिपिकों ने ड्यूटी ज्वॉइन कर ली। इसका खुलासा अब जिला परिषद की ओर से पदोन्नति के लिए मांगे गए नामों […]

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Sep 20, 2025
जिला परिषद अलवर। फोटो: पत्रिका

अलवर। जिला परिषद अलवर की ओर से की गई लिपिक भर्ती में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह प्रकरण पंचायत समिति उमरैण से जुड़ा है। यहां नियुक्ति आदेश से पहले ही 11 लिपिकों ने ड्यूटी ज्वॉइन कर ली। इसका खुलासा अब जिला परिषद की ओर से पदोन्नति के लिए मांगे गए नामों की सूची से हुआ है। ऐसे में अब इन लिपिकों की पदोन्नति अटकने की संभावना है।

जिला परिषद की ओर से वर्ष 2013 में लिपिक भर्ती की गई थी। लिपिक अनिल राठौड़ का नियुक्ति आदेश बीडीओ ने 10 जुलाई 2013 को निकाला था, लेकिन इन्होंने 12 दिन पहले 29 जून को ही ज्वॉइन कर लिया। लिपिक नेहा बाई गुप्ता का नियुक्ति आदेश 15 जुलाई 2013 को जारी हुआ था। इन्होंने भी दो दिन पहले 13 जुलाई को ज्वॉइन कर लिया।

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इन्होंने ने भी एक दिन पहले ज्वॉइन की थी ड्यूटी

इसी तरह लिपिक मोनू बाई, रेनू जांगिड़, सुशील यादव, राजाराम सैनी, सतीश यादव, हेमलता शर्मा, अर्चना शर्मा, प्रियंका चौधरी और खिलाड़ी मीणा का नियुक्ति आदेश 29 जून 2013 को जारी हुआ था, लेकिन इन सभी ने एक दिन पहले 28 जून को ही ड्यूटी ज्वॉइन कर ली।

इस तरह हुआ खुलासा

अब लिपिकों की पदोन्नति होनी है। ऐसे में जिला परिषद ने सभी बीडीओ से नामों की सूची मांगी। विकास अधिकारी उमरैण आरती गुप्ता की ओर से भेजी गई सूचना में लिखा गया कि सेवा रिकॉर्ड में इन 11 लिपिकों ने नियुक्ति आदेश जारी होने से पहले ही ड्यूटी ज्वॉइन कर ली। इसी आधार पर इन्होंने वेतन और 9 साल की पहली एसीपी का लाभ भी ले लिया।

हाल ही में लिपिक भर्ती की जांच के तहत पंचायत समिति उमरैण के 40 से अधिक बाबुओं के दस्तावेज सत्यापन की चेक लिस्ट भी गायब होना सामने आया था, लेकिन इस मामले में अभी तक विकास अधिकारी की ओर से कोई मुकदमा नहीं कराया गया है।

पंचायती राज विभाग के एक रिटायर्ड लेखाधिकारी ने बताया कि नियुक्ति आदेश जारी करने से पहले ड्यूटी ज्वॉइन करना अवैध है। ज्वॉइन करवाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही कार्मिकों से वित्तीय परिलाभों की ब्याज सहित वसूली होनी चाहिए और एसीपी का भी पुन: निर्धारण होना चाहिए। हालांकि एक लिपिक नेहा बाई गुप्ता के संबंध में बीडीओ ने आदेश जारी करते हुए वसूली और एसीपी के पुन: निर्धारण के आदेश जारी किए हैं।

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