दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे पर सर्विलांस सिस्टम 'लाइफ सेवर' साबित हो रहा है। एनएचएआई ने जब से ओवर स्पीड वाहनों के ऑनलाइन चालान शुरू किए हैं, तब से लोगों को चालान का डर सताने लगा है और वे निर्धारित गति सीमा में चलने लगे हैं।
अलवर.
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे पर सर्विलांस सिस्टम 'लाइफ सेवर' साबित हो रहा है। एनएचएआई ने जब से ओवर स्पीड वाहनों के ऑनलाइन चालान शुरू किए हैं, तब से लोगों को चालान का डर सताने लगा है और वे निर्धारित गति सीमा में चलने लगे हैं। इसका परिणाम है कि एक्सप्रेस-वे पर हादसों में कमी आने लगी है। पिछले एक महीने में एक्सप्रेस-वे पर कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है। इससे पहले आए दिन बड़े हादसे हो रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 फरवरी 2023 को दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे के दिल्ली-अलवर-दौसा-लालसोट खंड का उद्घघाटन किया था। एक्सप्रेस-वे पर चोपहिया वाहनों की अधिकतम गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा निर्धारित है, लेकिन नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने एक्सप्रेस-वे पर सर्विलांस सिस्टम शुरू नहीं किया था। जिसके कारण एक्सप्रेस-वे पर चौपहिया वाहन ओवर स्पीड दौड़ रहे थे। इससे एक्सप्रेस-वे पर आए दिन बड़े हादसे हो रहे थे। पिछले डेढ़ साल में एक्सप्रेस-वे पर सड़क हादसों में 160 से ज्यादा लोगों की जान गई और सैकड़ों लोग घायल हुए। इस दौरान कई बड़े हादसे में भी हुए। जिनमें 3 से 6 लोगों तक की मौतें एक साथ हुई, लेकिन जब से एनएचएआई ने एक्सप्रेस-वे पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से ऑटोमैटिक ऑनलाइन चालान शुरू किए हैं तब से एक्सप्रेस-वे पर कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
यह भी पढ़ें:-सरिस्का के बाघों की जान को खतरा, पग-पग पर मौत
एक्सप्रेस-वे पर एक अगस्त से सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से ऑटोमैटिक ऑनलाइन चालान की प्रक्रिया शुरू की गई है। जिसके तहत अब तक 400 वाहनों के ओवर स्पीड के ऑनलाइन चालान काट उनके घर भेजे जा चुके हैं। जानकारी के अनुसार अलवर सीमा में 1 से 31 अगस्त तक 377 और 1 से 3 सितम्बर तक 23 वाहनों के ऑनलाइन चालान काटे गए हैं।
--
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे पर एनएचएआई की तरफ से लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से ओवर स्पीड वाहनों के ऑनलाइन चालान किए जा रहे हैं। इससे सकारात्मक परिणाम आ रहे है। पिछले एक महीने में 400 ई-चालान किए गए हैं। इससे हादसों में भी कमी आ रही है।
प्रियंका रघुवंशी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), अलवर।