राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि विधानसभा व लोकसभा चुनाव होने में काफी समय है, लेकिन जिला मुख्यालय खैरथल की जगह भिवाड़ी बनाया गया, तो पंचायत चुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अलवर. खैरथल-तिजारा जिले का नाम भर्तृहरि नगर करने के निर्णय को लेकर घमासान चल रहा है। भाजपा भविष्य में यहां से अपने विधायक बनाने के सपने देख रही है। वहीं, कांग्रेस ने भी इस निर्णय के खिलाफ खड़े होकर जनता को संदेश दिया है कि वह भविष्य में भी उनके साथ होगी।
राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि विधानसभा व लोकसभा चुनाव होने में काफी समय है, लेकिन जिला मुख्यालय खैरथल की जगह भिवाड़ी बनाया गया, तो पंचायत चुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है। तिजारा, किशनगढ़बास व मुंडावर में 250 से ज्यादा ग्राम पंचायतें आती हैं।
इस चुनाव के जरिए पार्टी यदि अपने सरपंच बनाने में कामयाब नहीं हो पाती है, तो फिर उसका असर आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव तक जा सकता है। हालांकि भाजपा ने अपनी समीक्षा की है। वह इस मुद्दे के जरिए भिवाड़ी व अन्य लोगाें के साथ खड़े होकर भविष्य के लिए अपने को तैयार मान रही है। वैसे भी पंचायत हो या फिर निकाय चुनाव, इसमें सत्तापक्ष का दबदबा होता है।
वर्तमान में किशनगढ़बास से कांग्रेस के विधायक दीपचंद खैरिया हैं। उन्होंने 10 हजार वोटों से भाजपा को हराया। वह लगातार दो बार से चुनाव जीत रहे हैं। जानकारों का कहना है कि इस मुद्दे के जरिए कांग्रेस अपनी विधानसभा सीट आगे के लिए पक्की करना चाहती है।
वहीं, भाजपा कह रही है कि केवल वोटों की खातिर जनता को भड़काया जा रहा है। कांग्रेस के लोग ही प्रदर्शन कर रहे हैं। इस तरह मुंडावर से भी कांग्रेस के विधायक ललित यादव हैं। उन्हें 37 हजार वोटों से जीत मिली थी। हालांकि जीत का अंतर लोकसभा चुनाव में यहां से कम हो गया था।
यहां भी जिले के नाम व मुख्यालय बदलने की आशंका से विरोध हो रहा है, पर भाजपा साफ कर चुकी है कि इस विरोध में आमजन नहीं है। तिजारा से भाजपा के विधायक बालकनाथ हैं। उन्होंने 6 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। अब कांग्रेस का प्रयास है कि यहां भी भाजपा के वोटों में जिले के मुद्दे के जरिए सेंध लगाई जाए। इसका लाभ पंचायत चुनाव में लेने की तैयारी है।
जानकारों का कहना है कि यदि भिवाड़ी जिला मुख्यालय बना दिया गया, तो यहां भाजपा अपना वोटबैंक और मजबूत करेगी। तीन लाख से ज्यादा वोटर यहां पर हैं। ऐसे में आगामी चुनावों में भी भाजपा यहां से बड़ा लाभ देख रही है। यानी जो नुकसान किशनगढ़बास या खैरथल में होगा, उसकी भरपाई भिवाड़ी से हो सकती है।