Maha kumbh Stampede Update: रात करीब 2.18 बजे की बात है। हम संगम पर स्नान करके वापस आ रहे थे। इस दौरान लोगों की जोर-जोर से चिल्लाने की आवाजें आई। जानिए महाकुंभ में संगम के पास स्नान के लिए पहुंचे राजस्थान के श्रद्धालुओं की आपबीती।
Maha kumbh Stampede Update : रात करीब 2.18 बजे की बात है। हम सात लोग संगम पर स्नान करके वापस आ रहे थे। इस दौरान लोगों की जोर-जोर से चिल्लाने की आवाजें आई। हम घटना स्थल से महज 200 मीटर की दूरी पर थे। इस दौरान हम भी वहां से भागने लगे तो मेरा पैर भी एक नारियल पर पड़ा और मैं गिर गया। लेकिन भगवान की कृपा रही कि हाथों हाथ उठ गया और वहां से सुरक्षित बाहर आ गया। यह कहना है कि थानागाजी (वर्तमान में जयपुर निवासी) के रहने वाले एडवोकेट कौशल भारद्वाज का।
उन्होंने बताया कि घाट पर रात को ही जबरदस्त भीड़ थी। लाेग स्नान कर वापस लौटना चाहते थे। इस दौरान प्रशासन की ओर से लगातार लाउडस्पीकर पर लागों को आगे बढ़ने से रोका जा रहा था। लेकिन लोग नहीं माने और लगातार आगे की तरफ बढ़ रहे थे। इस दौरान ही भगदड़ मची और हादसा हुआ।
शहर के होली ऊपर मोहल्ले से पहुंचे युवा अनुराग शर्मा, अमित टोंगडा, कपिल शर्मा भी घटना के समय संगम पर मौजूद थे। तीनों का कहना था कि प्रशासनिक नियंत्रण के कारण कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई पवित्र स्नान करके वह सभी सकुशल लौट गए। जटियाना निवासी सुरेश गुप्ता ने बताया कि गांव के आठ लोगों का दल कुंभ गया हुआ है। भीड़ के कारण उन्होंने रात को स्नान किया।
वेंकटेश बालाजी धाम के महंत सुदर्शनाचार्य ने बताया कि हमारे यहां करीब एक हजार श्रद्धालु रुके हुए हैं। अन्य अखाड़ों की तरह हमने रात को ही सभी काे कह दिया था कि कोई भी सुबह संगम की तरफ नहीं जाए और श्रद्धालु वहां गए भी नहीं। स्थिति सामान्य होने के बाद सभी ने स्नान किया है। रैणागिरी के जनार्दनाचार्य महाराज ने कहा कि कुछ श्रद्धालु संगम पर गए थे, लेकिन वे सुरक्षित हैं। हमने रात को गंगा स्नान किया।
तिजारा विधायक महंत बालक नाथ ने बताया कि प्रमुख संत महात्माओं के साथ उन्होंने आज स्नान किया। भगदड़ के समय कुछ परेशानी हुई थी, लेकिन मौके पर उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए स्थिति को संभाल लिया। जिससे बड़ी जनहानि टल गई। संगम पर देर रात तक लाखों लोगों ने स्नान किया।
अलवर जिले से हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ में गए हुए हैं। सुबह घटना के बाद श्रद्धालुओं ने सकुशल होने की सूचना परिजनों को दी। अट्टा मंदिर महंत रामदास के सानिध्य में भी अलवर से पहुंचे श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया किसी के कोई हताहत होने की सूचना नहीं है। श्रद्धालु हरिओम पंडित ने बताया कि भगदड़ की सूचना से थोड़ी परेशानी हुई थी, लेकिन हालात को संभाल लिया गया।
मौनी अमावस्या पर संगम नोज पर हुई भगदड़ की जांच करने के लिए मुख्य सचिव मनोज कुमार और डीजीपी प्रशांत कुमार बृहस्पतिवार को घटनास्थल पर पहुंचे । उन्होंने संगम तट पर पहुंचकर भगदड़ वाले स्थान का जायजा लिया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। प्रशासन ने भगदड़ में 30 लोगों की मौत, जबकि 60 लोगों के घायल होने की बात कही है।