अलवर

खैरथल-तिजारा जिले की अध्यापिका पूनम यादव को मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान, इस वजह से हुईं चयनित

खैरथल-तिजारा जिले के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय टपूकड़ा की प्रिंसिपल नीलम यादव को इस वर्ष का राष्ट्रपति पुरस्कार देने की घोषणा हुई है।

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Aug 26, 2025
बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय टपूकड़ा की प्रिंसिपल नीलम यादव (फोटो-पत्रिका)

अलवर। खैरथल-तिजारा जिले के टपूकड़ा स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य नीलम यादव को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 के लिए चयनित किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके विशेष योगदान को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें इस सम्मान से नवाजने का निर्णय लिया है। राष्ट्रपति द्वारा यह पुरस्कार उन्हें पांच सितंबर को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले समारोह में प्रदान किया जाएगा।

नीलम यादव ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1993 में शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अध्यापक के रूप में की थी। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2004 से 2015 तक व्याख्याता पद पर सेवाएं दीं। वर्ष 2015 से वे टपूकड़ा बालिका विद्यालय में प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत हैं। अपने तीन दशक लंबे शिक्षण सफर में उन्होंने विद्यालय के शैक्षिक स्तर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।

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विद्यालय में डिजिटल लैब और स्मार्ट क्लास

विद्यालय में शिक्षकों की कमी के बावजूद नीलम यादव ने स्वयं कक्षाएं संभालकर छात्राओं को पढ़ाया। उनकी कोशिशों से विद्यालय में नियमित अध्ययन का माहौल बना रहा। इसके साथ ही, उन्होंने होंडा कंपनी के सीएसआर फंड से विद्यालय में डिजिटल लैब और स्मार्ट क्लास शुरू कराई। इस पहल से छात्राओं को आधुनिक तकनीक से जुड़ने का अवसर मिला और पढ़ाई का स्तर और बेहतर हुआ।

छात्राओं ने भी हासिल की उपलब्धि

नीलम यादव की मेहनत और मार्गदर्शन का असर विद्यालय के परिणामों में भी देखने को मिला। उनकी देखरेख में छात्राओं ने न केवल शैक्षणिक परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, बल्कि विभिन्न सह-शैक्षिक गतिविधियों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने जिला और राज्य स्तर पर उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।

विद्यालय बना आदर्श संस्थान

उनके योगदान से टपूकड़ा का यह सरकारी विद्यालय क्षेत्र में एक आदर्श संस्थान के रूप में पहचाना जाने लगा है। नीलम यादव का यह सम्मान न केवल उनके लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरे जिले और प्रदेश के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। उनकी उपलब्धि साबित करती है कि संसाधनों की कमी के बावजूद यदि समर्पण और ईमानदारी से कार्य किया जाए तो शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार संभव है।

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Updated on:
26 Aug 2025 01:10 pm
Published on:
26 Aug 2025 11:44 am
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