
प्रतीकात्मक तस्वीर - फ्रीपिक
बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में ड्रोन पायलट ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा। विश्वविद्यालय ने इस प्रशिक्षण के लिए सोमवार को पीबीसी भारत ड्रोन्स के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. अरुण कुमार की उपस्थिति में संपन्न एमओयू में पीबीसी भारत ड्रोन्स की ओर से प्रणव चित्ते, जाग्रत झांभ, मुकुल झांभ एवं अभयजीत सिंह तथा विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
निदेशक अनुसंधान डॉ. विजय प्रकाश ने बताया कि इस सेंटर की स्थापना से कृषि में ड्रोन तकनीक का व्यापक उपयोग संभव होगा। ड्रोन से फसलों की निगरानी, खाद एवं कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव और फसल स्वास्थ्य की जांच और भी आसान तथा तेज हो सकेगी। इससे लागत में कमी आएगी तथा उत्पादकता में वृद्धि होगी, जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव किसानों की आय पर होगा।
यह तकनीक खेती को और सुरक्षित, आधुनिक एवं पर्यावरण हितैषी बनाएगी। वित्त नियंत्रक पवन कस्वां ने कहा कि इस समझौते से सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने में किसानों को मदद मिलेगी तथा विश्वविद्यालय की आय में वृद्धि हो सकेगी। साथ ही युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे
ड्रोन पायलट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं पास और आयु 18 वर्ष से अधिक निर्धारित की गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवा न केवल कृषि में बल्कि औद्योगिक, रक्षा, आपदा प्रबंधन और निगरानी जैसे क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकेंगे।
Updated on:
26 Aug 2025 11:17 am
Published on:
26 Aug 2025 11:16 am
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