अलवर

Elevated Road: बदल गया एलिवेटेड रोड का रूट, अब यहां से गुजरेगा; 45 मिनट कम हो जाएगी अलवर से जयपुर की दूरी

Elevated Road: राजस्थान के अलवर जिले में बनने वाले एलिवेटेड रोड का रूट बदल गया है। जानें अब कहां से होकर गुजरेगा फोर लेन एलिवेटेड रोड?

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Mar 30, 2025

Sariska Elevated Road: राजस्थान के अलवर जिले में बनने वाले एलिवेटेड रोड का रूट बदल गया है। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है। बता दें कि सरिस्का एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव 3 साल से अटका हुआ था। लेकिन, अब जल्द ही एलिवेटेड रोड धरातल पर आ पाएगा। नए प्लान में इस रोड को टू लेन की जगह फोर लेन का बनाया जाना प्रस्तावित है। इस रोड के बनने के बाद अलवर से जयपुर की दूरी 45 मिनट कम हो जाएगी।

थानागाजी के थैंक्यू बोर्ड से वाया सरिस्का होते हुए नटनी का बारा तक बनने वाला एलिवेटेड रोड अब नटनी का बारा से कुशालगढ़ वाया तालवृक्ष, मंडावरा मोड होते हुए बनाया जाएगा। स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। इस संबंध में दो अप्रैल को थानागाजी की शिव बगीची में जनसभा बुलाई गई है। इसमें आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।

अब ये रहेगा रूट

एलिवेटेड रोड नटनी का बारां से शुरू होगा। जो कुशालगढ़ वाया तालवृक्ष, मंडावरा मोड़ तक बनेगा। इसकी दूरी 22 किमी होगी। यह मार्ग आगे थानागाजी और शाहपुरा मार्ग से जुड़ेगा, जो 8 किमी लंबा होगा। यहां से जयपुर मार्ग से सीधा जुड़ जाएगा।

45 मिनट कम हो जाएगी जयपुर की दूरी

सरिस्का एलिवेटेड रोड बनने के बाद अलवर से जयपुर का सफ़र 45 मिनट कम हो जाएगा। यह रोड बनने के बाद अलवर से जयपुर पहुंचने में 45 मिनट कम लगेंगे। यानी पौने चार घंटे का सफ़र मात्र 3 घंटे में पूरा होगा।

स्थानीय लोग बोले- जनता के साथ विश्वासघात

स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार ने आश्वासन दिया था कि एलिवेटेड रोड थानागाजी के थैंक्यू बोर्ड से वाया सरिस्का होते हुए नटनी का बारा तक बनेगा। अब इसका रूट बदल दिया है। सरकार का यह निर्णय थानागाजी की आम जनता के साथ विश्वासघात है।

थानागाजी में पहले भी हुआ था आंदोलन

अलवर-सरिस्का मार्ग को लेकर थानागाजी में पहले भी आंदोलन हुआ था। 20 अगस्त 2009 को कस्बे के खेल मैदान में एक बड़ी सभा का आयोजन कर तत्कालीन दौसा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीना के नेतृत्व में आंदोलन शुरू किया गया था।

सरिस्का मार्ग बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि सभा के बाद भारी भीड़ के साथ 16 हजार महिलाएं इस रास्ते को यथावत रखने की मांग को लेकर जयपुर कूच किया था। बाद में सरकार से उस समय के तात्कालिक वन मंत्री रामलाल जाट के साथ हुई बैठक में इस मार्ग को यथावत रखने के समझौता हो जाने पर यह कूच स्थगित कर दिया गया था।

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