अलवर में देसूला निवासी करण मल्होत्रा की मौत के बाद शुक्रवार को उपजा तनाव धीरे-धीरे शांत होने लगा है। देर रात तक चली वार्ता के बाद अस्पताल में चल रहा धरना समाप्त कर दिया गया।
अलवर देसूला निवासी करण मल्होत्रा की मौत के बाद शुक्रवार को उपजा तनाव धीरे-धीरे शांत होने लगा है। प्रशासन और लोगों के बीच चली वार्ता के बाद अस्पताल में चल रहा धरना समाप्त कर दिया गया। आक्रोशित लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को 72 घंटे का अल्टीमेट दिया है। इसी बीच प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों के अवैध ढाबे पर बुलडोजर चलाया और अतिक्रमण हटाया।
गुरुवार रात चिंटू मल्होत्रा अपनी पत्नी और बच्चों के साथ कार से अपने गांव देसूला लौट रहा था। बख्तल चौकी स्थित एक निजी बैंक के पास समुदाय विशेष के कुछ लोगों ने उस पर हमला कर दिया। सूचना पर उसका चचेरा भाई करण मल्होत्रा और दो साथी अमित व अंगद मौके पर पहुंचे और बीच-बचाव करने लगे। इस दौरान आरोपियों ने करण के सिर पर फर्सी और लोहे की रॉड से वार किया। वह अचेत होकर गिर पड़ा और गंभीर हालत में सानिया हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।
पीड़ित पक्ष का कहना है कि हमले के दौरान आरोपियों ने धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए नारे भी लगाए। पुलिस अब पूरे मामले की जांच में जुटी है और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।