यूपी के अंबेडकरनगर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां के गांवों से लगभग 56 लड़कियां गायब हो गईं, जिनकी रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई गई। वहीं कुछ लड़कियों के परिजनों ने लोकलाज के भय से रिपोर्ट ही नहीं करवाई।
अंबेडकरनगर: उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले में बीते एक महीने में 56 लड़कियों के अपहरण की घटनाओं ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। ज्यादातर पीड़िताएं नाबालिग, अनुसूचित जाति और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से हैं। इनमें से कई मामलों में मुस्लिम युवकों की संलिप्तता सामने आई है, जिसे विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने 'लव जिहाद' करार दिया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन कुछ मामलों में कार्रवाई न होने की शिकायतें भी सामने आई हैं।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, अगस्त 2025 में जिले के 18 थानों में अपहरण के 56 मामले दर्ज किए गए हैं। सबसे अधिक 11 मामले अकबरपुर कोतवाली में, 9 मालीपुर में, 8 जलालपुर में, 7 अहिरौली में, 6 बसखारी में, 5 जैतपुर में, 3-3 महरुआ और सम्मनपुर में, तथा 2-2 इब्राहिमपुर और भीटी में दर्ज हुए। इसके अलावा, लगभग डेढ़ दर्जन अन्य मामलों में परिवारों ने सामाजिक लज्जा के डर से शिकायत दर्ज नहीं की।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत प्रमुख अरविंद पांडेय ने दावा किया कि अंबेडकरनगर में बलरामपुर की तरह एक सुनियोजित नेटवर्क सक्रिय है, जो हिंदू लड़कियों को प्रलोभन देकर अपहरण और धर्मांतरण के लिए मजबूर कर रहा है। उन्होंने कहा, 'अधिकांश मामलों में आरोपियों के तार एक-दूसरे से जुड़े हैं। यह लव जिहाद का स्पष्ट मामला है।' VHP का आरोप है कि मुस्लिम युवक प्रेम जाल, मोबाइल, पैसे और शादी का झांसा देकर नाबालिग लड़कियों को फंसाते हैं और फिर अपहरण कर लेते हैं।
पुलिस अधीक्षक केशव कुमार ने बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के अपहरण के मामलों में तत्काल FIR दर्ज कर बरामदगी के निर्देश दिए गए हैं। बरामद लड़कियों के बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'अब तक की जांच में लव जिहाद या किसी संगठित नेटवर्क का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।' हालांकि, कुछ मामलों में कार्रवाई न होने की शिकायतें भी सामने आई हैं।
अंबेडकरनगर के सांसद लालजी वर्मा ने कहा, “इस सरकार में पूरे प्रदेश में महिला अपराध बढ़े हैं। अपहरण और दुष्कर्म की घटनाएं रोज हो रही हैं। अनुसूचित जाति और कमजोर वर्ग की लड़कियों को निशाना बनाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।” उन्होंने सरकार पर अपराध नियंत्रण में नाकामी का आरोप लगाया।