Amera coal mines: ग्रामीणों ने कहा- एसईसीएल कंपनी की ओर से भ्रम फैलाने का किया जा रहा कार्य, जबकि हमने निस्तार तालाब की जबरन कर ली गई खोदाई वाली जगह से सिर्फ कोयला निकालने की दी है सहमति
लखनपुर। एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र की ओपन कास्ट खदान अमेरा (Amera coal mines) का विस्तार कार्य परसोड़ीकला की ओर किया जा रहा है। इसे लेकर ग्रामीण काफी समय से आंदोलनरत हंै और खदान के लिए 1 इंच भी जमीन नहीं देने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि न तो हमें नौकरी चाहिए और न ही मुआवजा। आरोप है कि इसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर काफी दबाव बनाया गया, लेकिन ग्रामीणों ने एक नहीं सुनी और आज पर्यंत अपने जमीन को लेकर आंदोलनरत हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि शनिवार को ग्राम पंचायत के निस्तार के लिए बनाए गए तालाब की खुदाई कंपनी (Amera coal mines) द्वारा की गई थी। इसे लेकर ग्रामीणों ने काफी विरोध किया, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद मात्र निस्तार तालाब में खोदी गई जगह से ही कोयला निकाले जाने की सहमति बनी है।
ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र में भ्रम फैलाया जा रहा है की खदान विस्तार (Amera coal mines) हेतु ग्रामीण एवं कोल प्रबंधन कंपनी के बीच सहमति बन गई है। जबकि हकीकत ये है कि निस्तार तालाब की जबरन खोदाई कर ली गई है तो वहां पड़े कोयला को निकालने दे रहे हैं, लेकिन आगे 1 इंच जमीन नहीं देंगे।
ग्रामीणों ने कहा कि ओपन कास्ट खदान अमेरा परियोजना (Amera coal mines) का विस्तार ग्राम पंचायत परसोडीक़ला की ओर किया जा रहा है जिसका आज भी विरोध है और आने वाले समय में भी रहेगा। ग्रामीणों ने कहा कि खदान विस्तार के लिए ग्राम पंचायत की ओर से 1 इंच भी जमीन नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि न हमें नौकरी चाहिए और न ही मुआवजा। हमें अपनी जमीन ही चाहिए। अपनी जमीन बचाए जाने हेतु हम किसी हद तक गुजर जाने को तैयार हैं।