अंबिकापुर

Bulldozer action: बुलडोलर एक्शन के बाद बेघर हुए 39 परिवार, भीषण गर्मी में 200 लोग पेड़ व तिरपाल के नीचे रहने को विवश

Bulldozer action: शहर से लगे चोरकाकछार में वन भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए थे 39 मकान, प्रशासन, वन विभाग व निगम की संयुक्त टीम ने चलवाया था बुलडोजर

2 min read
Family live under the tirpal

अंबिकापुर। शहर से लगे ग्राम चोरकाकछार में बुलडोजर एक्शन (Bulldozer action) के बाद 39 घरों के करीब 200 लोग बेघर हो गए हैं। इनके पास सिर छिपाने के लिए भी जगह नहीं बची है। लोग कडक़ड़ाती धूप में पेड़ व तिरपाल के नीचे रहने को विवश हैं। मौके का मंजर देख ऐसा लग रहा है कि वहां कोई आपदा आ गई है। रविवार को लोग अपने काम-धंधे पर जाने की जगह मलबे में दबे घरेलू सामान निकालते दिखे। भीषण गर्मी में उनके समक्ष पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। अतिक्रमण की कार्रवाई में बुलडोजर चलने से नल कनेक्शन भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। पीडि़तों ने कहा कि किसी भी राजनीतिनक संगठन ने एक बॉटल पानी की भी मदद नहीं की है।

अंबिकापुर शहर सहित आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों वन व नजूल की भूमि पर अतिक्रमण का खेल लंबे समय से चल रहा है। 5 माह पूर्व ही महामाया पहाड़ स्थित नवागढ़ में अतिक्रमण हटाने (Bulldozer action) की कार्रवाई की गई थी।

30-40 घरों पर बुलडोजर चलाए गए थे। इसी बीच शनिवार को ग्राम चोरकाकछार में प्रशासन, राजस्व, वन विभाग व नगर निगम की संयुक्त टीम 5 बुलडोजर लेकर 39 अवैध मकानों को ध्वस्त कर दिया।

वन विभाग ने इन्हें पूर्व में ही अतिक्रमण मुक्त (Bulldozer action) करने की नोटिस दे रखा था। समय सीमा के अंदर अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर शनिवार को कार्रवाई की गई थी। इससे 39 घर के लगभग 200 लोग बेघर हो गए हैं। लोग खुले आसामान के नीचे रहने को मजबूर हैं।

Bulldozer action: भोजन-पानी की समस्या

बेघर (Bulldozer action) हुए लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ पेड़ व तिरपाल के नीचे रहने को विवश हैं। इनके बीच भोजन-पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। पीने का पानी तकिया मजार से किसी तरह लाकर प्यास बुझा रहे हैं। वहीं भोजन की व्यवस्था अंजुमन मुरादिया कमेटी द्वारा की गई है।

Bulldozer action

बच्चों को स्कूल जाने की चिंता

अतिक्रमण की कार्रवाई (Bulldozer action) से पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद 16 जून से स्कूल खुलने वाला है। पीडि़तों का कहना है कि बच्चों को स्कूल भेजने में भी परेशानी होगी। फिलहाल न तो रहने की व्यवस्था है और न ही खाने-पीने की।

तीन लोगों को मिले थे पीएम आवास

पीडि़तों में अधिकांश झारखंड के गढ़वा व बलरामपुर जिले के सनावल के रहने वाले हैं। इनका कहना है कि हम लोग लगभग 30 से 40 वर्ष से उक्त भूमि पर काबिज हैं। मेहनत मजदूरी कर घर बनाए थे।

वन विभाग के कर्मचारी भी बीच-बीच में इधर आते रहे हैं पर किसी ने मकान बनाने (Bulldozer action) से नहीं रोका। वहीं 3 लोगों को पीएम आवास भी मिले थे। उसे भी ढहा दिया गया है। वहीं शासन द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर में शौचालय दिए गए थे।

Published on:
15 Jun 2025 09:08 pm
Also Read
View All
Weather report 2025: अंबिकापुर में जनवरी से मई 2025 तक मौसम में दिखे असामान्य उतार-चढ़ाव, कई नए रिकॉर्ड दर्ज

Nat gang: लूट की बड़ी वारदात को अंजाम देने पहुंचा था नट गिरोह, सर्राफा व्यापारियों की सूझबूझ से टली घटना, 1 का टूटा पैर

Protest against Bangladesh: Video: कांग्रेसियों ने बांग्लादेश मुर्दाबाद के लगाए नारे, हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले के विरोध में किया प्रदर्शन

Severe cold in Ambikapur: अंबिकापुर में सबसे ठंडी रही शुक्रवार की रात, मैनपाट में जमीं ओस की बूंदें, 31 तक शीतलहर का अलर्ट जारी

Swarnlata Singhdeo passed away: छग गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष अनुराग सिंहदेव को मातृ शोक, सीएम समेत अन्य नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

अगली खबर