Cold wave alert: मैनपाट व बलरामपुर जिले के सामरीपाट इलाके में 5 डिग्री से नीचे चला गया है तापमान, डॉक्टरों ने बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की बताई जरूरत
अंबिकापुर. अब तक नवंबर महीने में ठंड ने पिछले 57 वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सरगुजा में 10 दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। शीतलहर (Cold wave alert) की स्थिति बनी हुई है। शनिवार की रात का न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री दर्ज किया गया है। जो सामान्य औसत से 6 डिग्री कम है। वहीं मैनपाट व बलरामपुर जिले के सामरीपाट का तापमान 5 डिग्री से भी नीचे है। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल ठंड से राहत की उम्मीद नहीं है। तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है। जिले में भारी शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है।
नवंबर महीने की शुरूआत होते ही सरगुजा संभाग में कड़ाके की ठंड (Cold wave alert) पड़ रही है। तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। शनिवार की रात का न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री दर्ज किया गया है। जो सामान्य से करीब 6 डिग्री कम है।
नवंबर महीने का औसत सामान्य तापमान 11.8 डिग्री है। मौसम वैज्ञानिक एसके मंडल ने बताया कि सरगुजा में शीतलहर चल (Cold wave alert) रही है। उत्तर दिशा की ओर से शुष्क हवाओं के आने का क्रम जारी है। इस लिए तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
छत्तीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाले मैनपाट व बलरामपुर जिले के सामरी पाट की स्थिति और खराब है। इन दोनों स्थानों पर न्यूनतम तापमान 5 डिग्री (Cold wave alert) से नीचे चला गया है। शीतलहर के कारण यहां जनजीवन प्रभावित है। लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं।
मौसम वैज्ञानिक एसके मंडल ने बताया कि सरगुजा में ठंड को लेकर अलर्ट जारी है। उन्होंने बताया कि यहां तापमान अगर ६ डिग्री पर पहुंच जाता है तो भारी शीतलहर (Cold wave alert) घोषित रहेगी, जो कि अभी की स्थिति में मात्र .2 डिग्री ऊपर है।
उन्होंने बताया कि 18 नवंबर तक राहत की उम्मीद नहीं है। अफगानिस्तान में एक विक्षोभ सक्रिय होने का अनुमान है, लेकि इससे भी कोई विशेष राहत नहीं मिलेगी, 1-2 डिग्री तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है।
सरगुजा में शीतलहर (Cold wave alert) जारी है। ऐसे स्थिति में लोगों को ठंड से बचने की जरूरत है। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसी स्थिति में लोग घर से जब भी बाहर निकले, शरीर को पूरी तरह ढंक कर निकले। हमेशा गर्म कपड़ों में रहें। विशेषकर बच्चों व बुजुर्गों को बचाने की आवश्यकता है। जबकि छोटे बच्चों की स्कूल सुबह 7 से 7.30 बजे लग रही है। ऐसी स्थिति में बच्चे ठंड के कारण बीमार पड़ सकते हैं।