CG Crime: पूर्व डिप्टी सीएम के निवास स्थल कोठीघर में 4 दिन पूर्व पीतल की हाथी की मूर्ति की थी चोरी, सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था चोर, खरीदार व सहयोगी भी गिरफ्तार
अंबिकापुर। पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के पैतृक निवास कोठीघर में 3 अगस्त की रात धावा बोलकर एक चोर ने पीतल की हाथी की मूर्ति चोरी कर ली थी। उसकी यह करतूत वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद (CG Crime) हो गई थी। इधर चोर ने अपने एक साथी के साथ मिलकर मूर्ति को काटकर टुकड़े कर दिए और उसे कबाड़ी को बेच दिया था। मूर्ति बेचकर मिले रुपयों से उसने झारखंड से 220 नग नशे का इंजेक्शन खरीदा था। वह इंजेक्शन को खुद उपयोग करने के साथ ही शहर में बिक्री करने की फिराक में था। मामले में पुलिस ने 2 चोर के अलावा खरीदार समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
गौरतलब है कि 3 अगस्त की रात पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के निवास स्थल कोठीघर के पोर्च में लगी पीतल के हाथी की एक मूर्ति चोरी हो गई थी। सुबह मूर्ति गायब देख सीसीटीवी कैमरा चेक किया गया तो एक युवक हाथी की मूर्ति चोरी कर ले जाता दिखा। मामले (CG Crime) की रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज कराई गई थी।
इस मामले में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में मिले हुलिए के आधार पर आरोपी को नशीले इंजेक्शन के साथ शहर से लगे खैरबार मार्ग में पकड़ा। उसके साथ उसका साथी भी था। पूछताछ ेमें आरोपी ने मूर्ति चोरी करने तथा उसे कबाड़ी के पास बेचने की बात स्वीकार (CG Crime) की।
इस पर पुलिस ने आरोपी शहर के मोमिनपुरा अयान मार्ग निवासी मो. शरीफुल्ला खान पिता स्व. कलामउल्ला खान 27 वर्ष व उसके साथी मो. राजूल अंसारी पिता मो. मुख्तार अंसारी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की पूछताछ में मुख्य आरोपी शरीफुल्ला ने बताया कि वह ऑटो चलाकर परिवार का पालन-पोषण करता है। साथ ही वह नशीला इंजेक्शन का भी आदी है। रुपए खत्म होने के बाद नशे की लत पूरी करने उसने 3 अगस्त की रात कोठीघर से हाथी की मूर्ति चोरी की थी। उसने बताया कि घटना दिवस (CG Crime) उसने कोठीघर के पास गुजरने के दौरान पोर्च के स्तंभों में लगे 2 हाथी की मूर्तियां देखी थी। इसके बाद रात में 12 बजे वह दीवार फांदकर चोरी करने घुसा था।
आरोपी ने बताया कि मूर्ति चोरी करने के बाद वह बिलासपुर चौक दर्रीपारा निवासी साकिर हुसैन पिता जाहिद हुसैन 42 वर्ष के पास पहुंचा और उसकी बिरयानी की दुकान में मूर्ति छिपा दी। दूसरे दिन उसने अपने दोस्त मो. राजूल को मूर्ति के बारे में बताया। उसने मूर्ति को काटने (CG Crime) के लिए मशीन के संबंध में पूछताछ की तो वह कटर मशीन ले आया।
इसके बाद दोनों ने मूर्ति को कई टुकड़ों में काटकर बोरे में भरा। इसके बाद पीतल की मूर्ति के टुकड़ों को दर्रीपारा में ही कबाड़ी इमरान मलिक पिता जीमल मलिक 20 वर्ष को 7 हजार 200 रुपए में बेच दिया। मूर्ति का वजन 18 किलोग्राम था।
मुख्य आरोपी शरीफुल्ला व मो. राजूल ने प्लान बनाया था मूर्ति को बेचकर मिले पैसों से वे झारखंड से नशीला इंजेक्शन खरीदकर लाएंगे। फिर खुद को लगाने के अलावा उसकी शहर में बिक्री (CG Crime) कर पैसे कमाएंगे। प्लान के अनुसार दोनों झारखंड के डाल्टनगंज पहुंचे और वहां से 220 नग नशीले इंजेक्शन खरीद लाए।
इनमें से कुछ को उन्होंने खुद उपयोग किया था तथा कुछ को बेच दिया था। पुलिस ने उनके कब्जे से 200 नग नशीला इंजेक्शन जब्त किया है। इस मामले में पुलिस ने मो. शरीफुल्ला खान, मो. राजूल, बिरयानी दुकान वाला सहयोगी साकिर हुसैन व खरीदार कबाड़ी इमरान मलिक को गिरफ्तार कर धारा 317(2), 3(5) व नारकोटिक्स एक्ट के तहत जेल भेज दिया।
कार्रवाई (CG Crime) में कोतवाली टीआई मनीष सिंह परिहार, एसआई सम्पत पोटाई, प्रधान आरक्षक अजय पांडेय, आरक्षक देवेंद्र पाठक, अमित विश्वकर्मा, नितिन सिन्हा, शिव राजवाड़े, मंटूलाल गुप्ता, मनीष सिंह व रमेश राजवाड़े शामिल रहे।