President Bhavan: वर्ष 1952 में देश के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद का हुआ था आगमन, पंडो जनजाति को लिया था गोद, वर्ष में मात्र 3 दिन खुलता है यह भवन
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ में देश का दूसरा राष्ट्रपति भवन स्थित है। जी हां, सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिले (तब सरगुजा) के पंडोनगर में देश का दूसरा राष्ट्रपति भवन (President Bhavan) है। यहां देश के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद 22 नवंबर 1952 को आए थे। यहां के एक भवन में उन्होंने रात भी बिताई थी। इसी वजह से इसका नाम राष्ट्रपति भवन किया गया। यह भवन वर्षभर में सिर्फ 3 दिन ही खुलता है। उनके आगमन के 73 वर्ष बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सरगुजा आने वाली दूसरी राष्ट्रपति होंगीं। उनका दौरा 20 नवंबर को है।
गौरतलब है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद वर्ष 1952 में सरगुजा जिले (अब सूरजपुर जिला) के पंडोनगर गांव में आए थे। इस दौरान उन्होंने यहां की पंडो जनजाति को गोद लिया था। उन्होंने तात्कालीन सरगुजा महाराज रामानुज शरण सिंहदेव से मिलकर पंडो जनजाति के विकास (President Bhavan) की बात की थी।
इसके बाद से पंडो समुदाय को राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है। राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पंडोनगर में एक रात बिताई थी। जिस भवन में वे ठहरे थे, उसे राष्ट्रपति भवन (President Bhavan) का नाम दिया गया। 73 साल बाद भी यहां राष्ट्रपति भवन स्थित है। यहां आज भी लोग घूमने व जानकारियां एकत्रित करने आते हैं। हालांकि देखरेख के अभाव में यह भवन अब पहले जैसा नहीं रहा।
बता दें कि पंडोनगर स्थित राष्ट्रपति भवन (President Bhavan) वर्षभर में मात्र 3 दिन ही खुलता है। पहला राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के जन्मदिन पर 3 दिसंबर को, दूसरा गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी तथा तीसरी बार स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त को यह भवन खोला जाता है। इन 3 दिन में लोग यहां का इतिहास याद करने आते हैं। राष्ट्रपति भवन को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग पंडो समाज द्वारा की जाती रही है, लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
देश की वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 20 नवंबर को (President Bhavan) अंबिकापुर आएंगीं। वे यहां के पीजी कॉलेज मैदान में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के समापन कार्यक्रम में शामिल होंगीं।
इस दौरान राज्यपाल, सीएम से लेकर पूरा मंत्रीमंडल, सांसद, विधायक, स्थानीय जनप्रतिनिधि समेत प्रशासनिक अमला उपस्थित रहेगा। कार्यक्रम की तैयारियां भी अंतिम चरण में है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद के बाद सरगुजा आने वाली दूसरी राष्ट्रपति हैं।