Sandeep murder case: सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल से स्वास्थ्य मंत्री की दो दौर की चर्चा के बाद बनी सहमति, धरना प्रदर्शन भी समाप्त करने की हुई घोषणा
अंबिकापुर/सीतापुर। Sandeep murder case: सीतापुर के ग्राम बेलजोरा निवासी संदीप लकड़ा हत्याकांड के मामले में शव का अंतिम संस्कार करने के लिए परिजन तैयार हो गए हैं। दरअसल शुक्रवार को सीतापुर में सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों के साथ स्वास्थ्य मंत्री, 4 विधायकों व प्रशासनिक अफसरों की उपस्थिति में हुई 2 दौर की चर्चा के बाद शनिवार को संदीप के शव (Sandeep murder case) का गृहग्राम में अंतिम संस्कार करने की सहमति बन गई है। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा मृतक के परिजन को 25 लाख रुपए मुआवजा, पत्नी को कलेक्टर दर पर छात्रावास में नौकरी, दोनों बच्चों को हायर सेकेंडरी तक नि:शुल्क शिक्षा सहित अन्य मांगें भी पूरी करने की बात कही गई है।
सीतापुर के ग्राम बेलजोरा निवासी राजमिस्त्री दीपेश उर्फ संदीप लकड़ा की ठेकेदार अभिषेक पांडेय ने अपने 5 कर्मचारियों के साथ मिलकर छड़ व सीमेंट चोरी का आरोप लगाकर 7 जून को हत्या (Sandeep murder case) कर दी थी। इसके बाद 8 जून को उसका शव मैनपाट के लुरैना बड़वापाट स्थित पानी टंकी के फाउंडेशन के नीचे दफन कर दिया था।
मृतक के परिजनों व सर्व आदिवासी समाज द्वारा पुलिस पर दबाव बनाए जाने के बाद 6 सितंबर को संदीप की लाश मिली थी। पुलिस घटना में शामिल 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय अभी भी फरार है।
इसकी गिरफ्तारी होने तक परिजन ने संदीप का शव (Sandeep murder case) लेने से इनकार कर दिया था, वहीं सर्व आदिवासी समाज ने भी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन सीतापुर में शुरू कर दिया था। इस धरना प्रदर्शन को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया था।
पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, सीतापुर के पूर्व विधायक एवं खाद्य मंत्री अमरजीत भगत धरना स्थल पहुंचकर मामले में पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए थे।
20 दिनों से संदीप का शव मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरच्यूरी में पड़ा है, इससे शव की हालत और बिगड़ती जा रही थी। फॉरेंसिक साइंस विभाग ने भी संदीप के शव में संक्रमण की आशंका जता दी थी।
संदीप के शव का अंतिम संस्कार (Sandeep murder case) करने पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के साथ प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल शुक्रवार को खुद सक्रिय हो गए। शुक्रवार को वे अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल, लुंड्रा विधायक प्रबोध मिंज, सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो व प्रेमनगर विधायक भुलन सिंह मरावी के साथ सीतापुर में चल रहे धरना प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे।
यहां सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश व जिला पदाधिकारियों से पहले दौर की चर्चा हुई। स्वास्थ्य मंत्री ने मृतक के परिजन को 25 लाख मुआवजा व कलेक्टर दर पर किसी भी छात्रावास में पत्नी को नौकरी देने की बात कही।
लेकिन सर्व आदिवासी समाज का प्रतिनिधिमंडल 1 करोड़ मुआवजा व मृतक की पत्नी को चतुर्थ वर्ग में स्थाई नौकरी देने की मांग पर अड़ा रहा। इससे पहले दौर की लगभग डेढ़ घंटे की वार्ता विफल हो गई।
स्वास्थ्य मंत्री, विधायकों व सर्व आदिवासी समाज (Sandeep murder case) के प्रतिनिधियों के बीच दूसरे दौर की चर्चा स्थानीय रेस्ट हाउस में शुरू हुई। यहां भी लगभग एक घंटे की चर्चा के बाद प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री द्वारा रखे गए प्रस्ताव पर सहमति जताई और परिजन अंतिम संस्कार हेतु तैयार हो गए। अब शनिवार को बेलजोरा में शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मृतक के परिजन को 25 लाख रुपए मुआवजा, पत्नी सलीमा लकड़ा को कलेक्टर दर पर छात्रावास में नौकरी, दोनों बच्चों को हायर सेेकेंडरी तक नि:शुल्क शिक्षा, सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ, आरोपियों (Sandeep murder accused) के खाते से लेन-देन की जांच सहित जांच में दोषी पाए गए अन्य लोगों पर कार्रवाई करने की बात कही।
साथ ही परिजन को तात्कालिक रूप से 8 लाख 25 हजार का चेक व पत्नी सलीमा को छात्रावास में कलेक्टर दर पर नौकरी के संबंध में नियुक्ति पत्र भी दे दिया गया। शेष राशि भी मृतक के परिजन को जल्द दे दी जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री द्वारा चेक व नियुक्ति पत्र दिए जाने के बाद गोंडवाना महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अकबर कोर्राम द्वारा धरना प्रदर्शन भी समाप्त करने की घोषणा (Sandeep murder case) कर दी गई। इस दौरान कलेक्टर विलास भोसकर, एसपी योगेश पटेल, एसडीएम रवि राही, थाना प्रभारी मोरध्वज देशमुख व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।