Amroha News: यूपी के अमरोहा में अवैध खनन के आरोपों पर एसपी अमित कुमार आनंद ने सख्त कार्रवाई करते हुए थाना देहात के एसओ को लाइन हाजिर और मुनव्वरपुर चौकी के पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया है। जांच में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत साबित होने पर जिले में हड़कंप मच गया है।
SP suspends police officers in Amroha: अमरोहा जिले में अवैध खनन के गंभीर आरोपों पर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने बड़ा कदम उठाया है। देहात थाना क्षेत्र में खनन माफियाओं की मदद के आरोप सही पाए जाने पर एसपी ने थाना देहात के प्रभारी अधिकारी (एसओ) को लाइन हाजिर कर दिया। इसके साथ ही मुनव्वरपुर पुलिस चौकी के प्रभारी और पांच पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं। इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
जानकारी के अनुसार, जनपद अमरोहा के देहात थाना क्षेत्र में लंबे समय से अवैध खनन की शिकायतें मिल रही थीं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि कुछ पुलिसकर्मी खनन माफियाओं से मिलकर वसूली कर रहे हैं। इन शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने नौगांव सादात के सीओ को जांच सौंपी। जांच रिपोर्ट में आरोप सही पाए गए, जिसमें थाना देहात के एसओ और मुनव्वरपुर चौकी के पांच पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। रिपोर्ट आने के बाद एसपी ने देर न करते हुए कड़ी कार्रवाई की और सभी को सस्पेंड कर विभागीय जांच शुरू कर दी।
एसपी अमित कुमार आनंद, जिन्होंने हाल ही में अमरोहा का कार्यभार संभाला है, अपने सख्त रवैये के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने साफ कहा कि अवैध खनन न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है बल्कि कानून व्यवस्था को भी अस्त-व्यस्त करता है। उन्होंने चेतावनी दी कि पुलिसकर्मियों की किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई पूरे जिले के लिए एक सख्त संदेश है कि खनन जैसे अवैध कार्यों में किसी की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी।
अमरोहा जिला गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे बसे होने के कारण अवैध रेत खनन का गढ़ बन चुका है। देहात क्षेत्र में मुनव्वरपुर चौकी के आसपास रेत खनन की घटनाएं अक्सर सामने आती रही हैं। इन पर रोक लगाने के लिए प्रशासन अब एक विशेष टास्क फोर्स गठित करने की तैयारी में है। यह फोर्स खनन स्थलों पर नियमित निगरानी करेगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। एसपी की इस कार्रवाई से न केवल पुलिस विभाग में अनुशासन की पुनर्स्थापना हुई है बल्कि स्थानीय लोगों में शासन के प्रति भरोसा भी मजबूत हुआ है।