MP News: अशोकनगर कलेक्टर ने अधिकारियों को दो टूक शब्दों में कहा जिले के विभिन्न क्षेत्रों के भ्रमण में पाया गया कि स्कूल, आंगनबाड़ी, पंचायत और स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन ठीक ढंग से नहीं हो रहा है।
MP News: अशोकनगर कलेक्टर ने अधिकारियों को दो टूक शब्दों में कहा जिले के विभिन्न क्षेत्रों के भ्रमण में पाया गया कि स्कूल, आंगनबाड़ी, पंचायत और स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन ठीक ढंग से नहीं हो रहा है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। इसलिए अधिकारी सिर्फ ऑफिसों में न बैठे रहे, बल्कि क्षेत्रों में भ्रमण करें व व्यवस्थाएं सुधारै।
मामला शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष का है। कलेक्टर आदित्य सिंह(Collector Aditya Singh) ने महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग व पंचायत विभाग की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की। जिसमे अधिकारियों को यह निर्देश दिए। साथ ही कहा कि सभी जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों का यह दायित्व है कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में निरंतर भ्रमण करें और व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराएं। वहीं पीवीजीटी क्षेत्र के ग्रामों में आंगनबाड़ी, स्कूल, स्वास्थ्य सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए भी निरीक्षण किया जाए।
महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की और कहा कि कुपोषित बच्चों को मुनगा पावडर प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें कुपोषण मुक्त कराया जा सके। भवन विहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की समीक्षा कर कार्रवाई के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में निर्देश दिए कि गर्भवती महिलाओं का अनमोल पोर्टल पर शत प्रतिशत पंजीयन करें। कोई गर्भवती पंजीयन से वंचित न रहे। गर्भवती एवं हाईरिस्क गर्भवती माताओं की जांच एवं टीकाकरण समय-समय पर कराया जाए। ऐसे गांव जहां हाईरिस्क गर्भवती माता है और आने जाने में परेशानी होती है। उनकी हर सप्ताह जांच की जाए। शिशु स्वास्थ्य के लिए समय-समय पर टीकाकरण एवं स्वास्थ्य जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्टॉफ विहीन स्वास्थ्य केंद्रों की समीक्षा कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।
शिक्षा विभाग 14 वर्ष तक के ड्रॉप आउट बच्चों को शाला में प्रवेश दिलाएं। 15 से 19 वर्ष तक के ड्रॉप आउट बच्चों को मुख्य धारा में जोड़ें। बच्चों को आईटीआई पॉलीटेक्निक एवं स्वरोजगार से जोड़ा जाए। मध्यान्ह भोजन व्यवस्था की निगरानी करें। जनपद सीईओ अपने-अपने क्षेत्रों का भ्रमण करें। स्कूल, आंगनवाडी व ग्राम पंचायतों का निरीक्षण करें। ग्रामों में शांतिधाम की समुचित व्यवस्था हो। ऐसी बसाहटें जिनके बीच में सड़क नहीं है, आवश्यक कार्यवाही की जाए। पंचायत भवन विहीन ऐसी पंचायतें जो भवन में संचालित नहीं है, उन्हें शुरू कराएं। ग्राम पंचायतों के यात्री प्रतिक्षालयों को दुरुस्त कराया जाए।