MP News: सरकारी जमीन पर भू-माफिया और पटवारियों की मिलीभगत उजागर हुई है। फर्जी पट्टों से सरकारी जमीन हड़पने का खेल चला, कलेक्टर ने दो पटवारियों को निलंबित किया।
Government Land Fake Patta Case: अशोकनगर जिले में सरकारी जमीन जिम्मेदारी की मिलीभगत से ही खत्म हो रही है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक पटवारी ने भू-माफिया से मिलकर शासकीय दस्तावेज में सरकारी जमीन पर फर्जी तरीके से पट्टे तैयार कर लोगों के नाम दर्ज कर दिए। वहीं एक पटवारी पर लापरवाही सामने आई. इससे कलेक्टर ने दी पटवारियों को निलंबित (Patwaris Suspend) कर दिया है।
मामला अशोकनगर तहसील का है। जहां पर पटवारी हल्का नंबर चार में भू-माफिया से मिलीभगत कर सरकारी जमीन पर रेकॉर्ड में पट्टे तैयार कर फर्जी पट्टेधारियों के नाम दर्ज किए। कूटरचना कर विक्रय पत्र करवाकर भूमि पर प्लॉटिंग का कार्य शुरू हो गया तो मामला सामने आया।
कलेक्टर न्यायालय ने इस हल्का की तत्कालीन पटवारी प्रिक्षा जैन को 22 अगस्त को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जवाब संतोषप्रद न होने पर कलेक्टर ने पटवारी प्रेक्षा जैन को निलंबित कर दिया है। साथ ही निलंबन अवधि में मुख्यालय एसडीएम कार्यालय को बनाया है।
खास बात यह है कि इस जमीन का सिविल न्यायालय अशोकनगर में प्रकरण पल रहा है। जिसमें साकालीन तहसीलदार ने इस जमीन को शासकीय बताया था. लेकिन तथ्यों को छिपायार गलत रिपोर्ट प्रस्तुत वार तहसीलदार न्यायालय से इस जमीन का नामांतरण भी करवा दिया गया। जब मामला कलेक्टर आदित्य सिंह के सामने आया तो उन्होंने पत्यारी को निलंबित कर दिया है। हालांकि या किस जमीन या सर्वे नंबर का मामला है, इसके बारे में कोई भी अधिकारी स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहे हैं इससे इस जमीन में बड़े लोगों के शामिल होने की आशंका नजर आ रही है।
दूसरा मामला शादौरा तहसील का है। जहां पर शासकीय कार्य में गंभीर लापरवाही और बरिष्ठों के आदेशों का उल्लंघन करने पर कलेक्टर ने शाढ़ौरा के पटवारी हल्का नंबर 15 के पटवारी परमाल सिंह यादव को निलंबित कर दिया है। शाढ़ौरा तहसीलवार ने 22 अक्टूबर को पटवारी पर कार्रवाई करने का प्रतिवेदन कलेक्टर को भेजा था। जिस पर कलेक्टर ने यह कार्रवाई की है। हालांकि इस मामले में भी अधिकारी उस गंभीर लापरवाही का खुलासा नहीं कर रहे हैं। (MP News)