MP News: मध्य प्रदेश के अशोकनगर में पुलिस की बर्बरता का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने व्यक्ति को बेरहमी से पीटा, तालाब में डुबोकर मार डाला, फिर शव चोरी से उठा ले गई।
Ashoknagar Police Barbarity: अशोकनगर के बमूरिया गांव से पुलिस की बर्बरता का मामला सामने आने के बाद मृतक के परिजनों और ग्रामीणों का आक्रोश सड़क पर दिखाई दिया। उन्होंने छह घंटे तक गुना-अशोकनगर मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर आवागमन ठप कर दिया। मृतक के बेटे और परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद पुलिस अफसर बैकफुट पर आ गए।
कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच की घोषणा की और एसपी ने टीआई को लाइन अटैच और चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। पुलिसकर्मियों की इस करतूत से ग्रामीणों में आक्रोश है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 17 अक्टूबर तक दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का प्रकरण दर्ज नहीं हुआ तो वे बड़ा आआंदोलन करेंगे। (MP News)
बमूरिया निवासी 50 वर्षीय लखन यादव की पुलिस पिटाई से मौत होने के बाद मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने लखन को पीट-पीटकर मार डाला। पहले उसे दौड़ा दौड़ाकर पीटा, फिर तालाब में डुबाकर मार डाला। उन्होंने बताया कि गुरुवार रात 8 बजे करीब आठ पुलिस जवान गांव पहुंचे, जिनमें कुछ वर्दी में तो कुछ सादा कपड़ों में थे। जिन्होंने ग्रामीणों को पीटना शुरू कर दिया, लोग जान बचाकर भागे। परिजनों का आरोप है कि लखन यादव भी भागा पुलिस ने उसे पकड़ पीटा व तालाब में डुबाकर मार डाला। (MP News)
ग्रामीणों का कहना है कि रात में पुलिस गांव की बिजली बंद कराकर आई और तालाब पहुंचकर शव को उठाकर शाढ़ौरा अस्पताल ले गई। लेकिन पुलिस ने परिजनों व ग्रामीणों को कोई सूचना नहीं दी। रात तीन बजे पुलिस ने पानी में डूबने से मौत का मर्ग कायम कर लिया। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री और क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधियाजिले में थे। उन्हें मामले की जानकारी मिला तो उन्होंने पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए। (MP News)
मृतक लखन यादव के परिजन सुबह अस्पताल पहुंचे तो सूचना मिलने पर एसडीओपी विवेक शर्मा भी मौके पर पहुंचे। जहां परिजनों ने शव मांगा लेकिन पुलिस ने देने से इंकार कर दिया। इससे पुलिस व परिजनों में बहस हुई। बाद में जब पुलिस ने शव सौंपा तो परिजनों ने गुना-अशोकनगर रोड पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान सैकड़ों लोगों की भीड़ रही।
सुबह साढ़े 9 बजे से दोपहर साढ़े तीन बजे तक चक्काजाम रहा तो सड़क पर वाहनों की आवाजाही बंद रही। परिजन पुलिस पर हत्या का प्रकरण दर्ज कराने की मांग पर अड़े हुए थे। इस दौरान केपी यादव, विधायक हरिबाबू राय व कांग्रेस नेता यादवेंद्रसिंह यादव भी वहां पहुंचे और प्रकरण दर्ज करने की मांग करते रहे। ग्रामीणों की पुलिस अफसरों से काफी देर तक बहस होती रही। (MP News)
पुलिस ने मेरे पिता को मारा और चली गई। बाद में पुलिस वापस आई और लाइट बंद करवाई। सरपंच मिले तो पुलिस ने कहा-आपके गांव का जायजा लेना है। पांच मिनट में पिता का शव उठाकर गाड़ी में रखकर शाढ़ौरा ले गए। हमें कोई सूचना नहीं दी। पुलिस बताए कि मेरे पिता कोई गलत कारोबार करते थे या फिर कोई अपराधी थे, जो उन्हें इतना पीटा। रात में में धाने आया तो बोले- तुम्हारे पिता की मृत्यु हो गई। कुछ मत करो, तुम्हारे पिता की मृत्यु की राहत राशि दिलवा देंगे।- मनोज यादव, मृतक का पुत्र
रात में आठ-दस पुलिसकर्मी ड्रेस और सादा कपड़ों में आए। गांव में बैठे लोगों को मारपीट करने लगे। लोग भागे। लखन यादव भी भागे तो पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और तालाब में गर्दन पानी में रखकर डुबा डुबाकर मार दिया। उनके शरीर पर बेल्ट के भी निशान हैं। पुलिस चोरी से शव उठाने आई और हमें पता नहीं चला। - अर्जुनसिंह, मृतक का भाई