अशोकनगर

टमाटर-आलू बने ‘नॉन वेज’! केंद्रीय कृषि मंत्रालय के गजट नोटिफिकेशन पर मचा बवाल

MP News: अशोकनगर में गजट नोटिफिकेशन से टमाटर और आलू में पशु-आधारित चर्बी के उपयोग की मंजूरी पर शाकाहारी समाज भड़का। इसे धार्मिक आस्था पर हमला मानते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र भेजा।

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Sep 29, 2025
vegetarian protest agriculture ministry gazette notification controversy (फोटो- freepik)

Gazette Notification Controversy: अशोकनगर हाल में हुए गजट नोटिफिकेशन में टमाटर और आलू जिसे शाकाहारी समाज सबसे अधिक उपयोग करता था, उसे भी अब नए आदेश ने मांसाहार की श्रेणी में खड़ा कर दिया है। अभी तक इन फसलों को उपजाने में फर्टिलाइजर का उपयोग किया जाता था, लेकिन अब हाल में ही कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) ने इन फसलों के उपयोग करने के लिए जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल करने का आदेश किया है।

इस मामले में एनके जीवमित्र अध्यक्ष व मिशन जीवनमित्र आपत्ति जताते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को एक पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि शाकाहारी समाज के साथ यह अन्याय है। इस मामलें में मंत्रालय द्वारा एफसीओ द्वारा वर्ष 1985 में संशोधन करते हुए 13 अगस्त 2025 को गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से ऐसे प्रावधान जोड़े है। जिनके तहत अब बायो-स्टिमुलेट में पशु-आधारित अमीनो एसिड को वैध कर दिया गया है। (MP News)

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क्या है पूरा मामला

गजट नोटिफिकेशन के आईटम नंबर 26 के अनुसार मछलियों के मांस और खाल से निकाले गये प्रोटीन हाईड्रोलाईजेट को आलू की फसलों में फर्टिलाइजर के रूप में उपयोग करने की रिकमेंडेशन है। इसी तरह आईटम 30 के अनुसार गौजातीय पशुओं के मांस और चमड़े से प्राप्त किये गए प्रोटीन हाईड्रोलाईजेट को टमाटर की फसलों में फर्टिलाइजर के रुप में उपयोग करने की रिकमेंडेशन है। जबकि आलू और टमाटर ऐसी सब्जियां है जिनका शाकाहारी समाज सबसे अधिक उपयोग करता है।

फर्टिलाइजर के लिये आवश्यक अमीनो एसिड प्राकृतिक रूप से पौधों, दलहन, सोयाबीन, समुद्री शैवाल आदि से भी प्राप्त किए जा सकते हैं। गजट में लिखा भी है। इसके बावजूद भी, आपके मंत्रालय ने कत्लखानों एवं चमड़ा घरों से निकली गंदगी, हड्डियाँ, खून, चमड़ा, आंतरिक अवशेष आदि से बने उत्पादों को कृषि उत्पादन में उपयोग करने की मंजूरी दी है, जिससे समाज में सरकार के इस फैसले के खिलाफ रोष है। (vegetarian protest)

धार्मिक भावनाएं होगी आहत

शाकाहारी समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए चुपके से भारतीय कृषि और खाद्य श्रृंखला में गौजातीय पशुओं के वेस्ट को घुसाने का षड्यंत्र भी है। स्लॉटर हाउस और मीट इंडस्ट्री के पास तो प्रतिदिन लाखों टन वेस्ट बचता है। अब इस वेस्ट को बायो-स्टिमुलेंट के नाम पर फर्टिलाइजर में खपाने का रास्ता आपके मंत्रालय ने खोल दिया है, जिसका सीधा लाभ स्लॉटर हाउस लॉबी को होगा।

ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या यह निर्णय आपकी पार्टी और मीट लाबी की मिली भगत का नतीजा है। मंत्रालय के आर्डर की वजह से पशु स्रोत वाले उत्पाद खाद्य श्रृंखला में भी प्रवेश कर जाएंगे, जो करोड़ों शाकाहारी लोगों की धार्मिक आस्था और जीवनशैली के अधिकार अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। (MP News)

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Published on:
29 Sept 2025 08:49 am
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