
coal india employee bonus increased chhindwara (फोटो- सोशल मीडिया)
Coal India: कोल इंडिया द्वारा कोयला खदानों में कार्यरत कर्मचारी को सालाना बोनस 1 लाख 3 हजार रुपए देने का निर्णय लिया गया है। गत दिनों छिंदवाड़ा के परासिया में कोल इंडिया मानकीकरण समिति की बैठक में प्रबंधन तथा श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।
सालाना बोनस (Employee Bonus) की राशि कर्मचारियों के खाते में जमा कर दी गई है। त्योहार के पहले बोनस के रूप में बड़ी राशि मिलने से स्थानीय बाजार में खुशी का माहौल है। निजी खान मालिकों ने कोयला मजदूरों को दुर्गापूजा पर बख्शीस देने की परंपरा अब बोनस के रूप में बदल गई है। पिछले 15 सालों में बोनस में वृद्धि हुई है। (mp news)
निजी खान मालिकों ने कोयला मजदूरों के लिए दुर्गापूजा पर मिठाई के डिब्बे के साथ सवा रुपए की बख्शीश की जो परंपरा शुरु की थी। वहीं आज बोनस प्रॉफिट लिंक्ड रिवार्ड है। बोनस का कोल सेक्टर में खासा आकर्षण है। बोनस का बजट लगभग डेढ़ हजार करोड़ है। दुर्गापूजा पर कोयलांचल में बोनस भुगतान का इंतजार किया जाता है। बताया जाता है कि निजी मालिकों के दौर में कोलियरियों में काम करने के लिए मजदूर नहीं मिलते थे। खनन को खतरनाक माना जाता था। हादसे भी बहुत होते थे। दुर्गापूजा में मजदूर लंबी छुट्टी में घर नहीं जाएं इसलिए पूजा के ठीक पहले बख्शीश दी जाती थी। बख्शीश के लिए मजदूर रुक जाते थे।
यही बख्शीश राष्ट्रीयकरण के बाद बोनस के रूप में भुगतान किया जाने लगा। जब कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण किया तो बोनस का आकर्षण बढ़ने लगा। हर साल बोनस में वृद्धि होने लगी। पिछले 15 साल के आंकड़े पर गौर करें तो 2011 में 21 हजार रुपए बोनस कोयला कर्मियों को मिला था तो जो 2025 में बढ़कर एक लाख तीन हजार रुपए हो गई। (mp news)
ठेका कर्मियों को 10 हजार बोनस वेकोलि में विभागीय मजदूरों की संख्या लगातार घट रही है और ठेका मजदूरों की संख्या बढ़ रही है।विभागीय मजदूरों की तरह ठेका मजदूरों को बोनस का भुगतान नहीं किया जाता है।कोयला क्षेत्र में लगातार ठेका मजदूरों की संख्या बढ़ रही है।
कोयला अंचल के पेंच एवं कन्हान में 1 हजार से अधिक ठेका मजदूर कार्यरत हैए जिन्हें 10 हज़ार अथवा उनके बेसिक का 8.5 प्रतिशत बोनस देने पर प्रबंधन एवं श्रम संगठन प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनी है हालांकि ठेका कर्मियों को बोनस देने का मामला ठेकेदार और स्थानीय प्रबंधन के बीच उलझ जाता है। सभी ठेकाकर्मियों को कभी भी पूरी बोनस राशि नहीं प्राप्त हुई है। (mp news)
Updated on:
28 Sept 2025 11:42 am
Published on:
28 Sept 2025 11:40 am
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