सही रत्न का चयन ग्रहों को संतुलित कर स्वास्थ्य में सुधार ला सकता है। पेट की समस्या में पन्ना और हड्डियों-नसों की परेशानी में माणिक्य व नीलम उपयोगी माने जाते हैं, लेकिन रत्न धारण करने से पहले ज्योतिषीय सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है।
Gemstone: आज के समय में लोग दवाइयों के साथ-साथ वैकल्पिक उपचारों की ओर भी तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। ज्योतिष में रत्न चिकित्सा (Gem Therapy) को स्वास्थ्य सुधार का एक प्रभावी माध्यम माना गया है। मान्यता है कि सही रत्न, सही विधि से धारण करने पर ग्रहों को संतुलित करता है और शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर रत्न का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है।
जब कोई व्यक्ति रत्न धारण करता है, तो उससे संबंधित ग्रह मजबूत होता है और उसके विपरीत स्वभाव वाले ग्रह कमजोर पड़ते हैं। स्वास्थ्य के मामले में रत्न दो तरीकों से लाभ देते हैं—
आज सबसे अधिक बीमारियां पेट और पाचन तंत्र से जुड़ी होती हैं। ज्योतिष के अनुसार, पेट संबंधी रोग मुख्य रूप से बृहस्पति, चंद्र और राहु से जुड़े होते हैं।
यदि आपको गैस, अपच, एसिडिटी या पेट दर्द की समस्या रहती है, तो
हड्डियों की कमजोरी सूर्य से और नसों (Nerves) की समस्या शनि से संबंधित मानी जाती है।