Hindu New Year 2025: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ये साल 2025 है लेकिन, हिंदू कैलेंडर के अनुसार ये हिंदू नववर्ष 2082 (Hindu Nav Varsh 2082) है। आइए जानते हैं हिंदू नए साल के इतिहास से जुड़ी रोचक बातें।
Hindu Nav Varsh 2082: आज से Hindu New Year शुरू हो रहा है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ये साल 2025 है लेकिन, हिंदू कैलेंडर के अनुसार ये हिंदू नववर्ष 2082 (Hindu Nav Varsh 2082) है। इसलिए हिंदू नए साल की शुभकामना (Hindu New Year Wishes) देते वक्त हिंदू नववर्ष 2025 (Hindu Nav Varsh 2025) लिखने की 'गलती' ना करें। हिंदू कैलेंडर (Hindu Calendar) और अंग्रेजी कैलेंडर में सिर्फ एक यही अंतर नहीं है। ऐसे कई अंतर हैं जिनके बारे में हम जानेंगे। चलिए हिंदू नववर्ष (Hindu New Year) से जुड़ी कुछ रोचक बातों को जानते हैं।
हिन्दू नववर्ष 2082 त्र शुक्ल प्रतिपदा नववर्ष का शुभारंभ 30 मार्च को नवरात्र के साथ ही आरंभ होने जा रहा है। नया विक्रम संवत रविवार से शुरू हो रहा है इसलिए इस साल के राजा सूर्यदेव, मंत्री और सेनापति का पद भी सूर्य देवता को ही मिलेगा।
हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक, चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को नए साल की शुरुआत होती है। इस दिन हिंदू नववर्ष मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर में चैत्र को साल का पहला महीना है और शुक्ल प्रतिपदा को पहली तिथि माना जाता है।
हिंदू पंचांग का कैलेंडर है विक्रम संवत (Vikram Samvat)। इसे विक्रमी कैलेंडर भी कहते हैं। यह चंद्र-सौर कैलेंडर है। इसी कैलेंडर के आधार पर हिंदू धर्म के लोग शादी-विवाह, पूजा-पाठ आदि की तिथि देखते हैं। ये 57 ईसा पूर्व में आरंभ हुआ था। हिंदू पंचांग विक्रम संवत की गणना चंद्रमा व सूर्य की गति के आधार पर की जाती है।
हिंदू कैलेंडर की खास बातें जानिए
यह प्राचीन कैलेंडर माना जाता है। साथ ही जान लें, विक्रम संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे चलता है। इसलिए इस बार हिंदू कैलेंडर का साल 2082 है। साथ ही जान लें कि विक्रम संवत की शुरुआत 57 ईसा पूर्व में हुई थी।
इतिहासकार बताते हैं कि विक्रम संवत की शुरुआत ईसा पूर्व 57 में सम्राट विक्रमादित्य ने की थी। तभी से विक्रम संवत को हिंदू नए साल के रूप में मनाया जाता है। हालांकि, इसको लेकर धार्मिक मत भी कई सारे हैं।
साथ ही ये भी मान्यता है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था। इसलिए भी ये हिंदू नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक जानकारों का ये भी मानना है कि इसी तिथि पर अयोध्या के राजा भगवान राम का राजभिषेक किया गया था।