साल 2026 रिश्तों के लिए चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन पूरी तरह नकारात्मक नहीं। सही समय पर सही निर्णय, संयमित व्यवहार और ज्योतिषीय उपायों के जरिए इस वर्ष भी रिश्तों को संभाला जा सकता है। समझदारी से आगे बढ़ेंगे तो यह साल आपको रिश्तों की असली अहमियत समझाने वाला साबित हो सकता है।
नया साल हमेशा नई उम्मीदों के साथ आता है, खासकर रिश्तों को लेकर। जीवन के कठिन दौर में सबसे बड़ा सहारा हमारे रिश्ते ही बनते हैं। जब रिश्ते मजबूत होते हैं तो मुश्किल समय भी आसान लगने लगता है, लेकिन जब इन्हीं रिश्तों में दरार पड़ती है तो जीवन की दिशा ही बदल जाती है। साल 2026 की शुरुआत में लोग यही कामना करेंगे कि पुराने मनमुटाव दूर हों, रिश्तों में फिर से मधुरता आए और जीवन प्रेम व आनंद के साथ आगे बढ़े। ऐसे में सवाल उठता है कि साल 2026 रिश्तों, विवाह और संतान के लिहाज से कैसा रहेगा?
अंक ज्योतिष के अनुसार 2026 का टोटल 1 बनता है, जिसका स्वामी सूर्य है। सूर्य को रिश्तों के लिए अनुकूल ग्रह नहीं माना जाता। यह अहंकार, डोमिनेंस और अलगाव की प्रवृत्ति बढ़ाता है। यही कारण है कि 2026 में कई लोगों के रिश्तों में टकराव, दूरी और सेपरेशन जैसी स्थितियां बन सकती हैं।
वहीं दूसरी ओर रिश्तों को संरक्षण देने वाला ग्रह बृहस्पति भी 2026 में अतिचारी अवस्था में रहेगा। मिथुन, कर्क और सिंह राशि को प्रभावित करते हुए बृहस्पति पूरे साल बार-बार अपनी स्थिति बदलेगा। इसका सीधा असर यह होगा कि टूटते रिश्तों को संभालने की शक्ति कमजोर रहेगी।
साढ़ेसाती और ढैया का प्रभाव झेल रही कुंभ, मीन, मेष, सिंह और धनु राशि वालों को रिश्तों के मामले में खास सावधानी रखनी होगी। इस साल जल्दबाजी में लिया गया कोई भी निर्णय विवाह या पारिवारिक जीवन में बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है।
2026 में विवाह के योग सीमित रहेंगे। साल की शुरुआत में शुक्र के अस्त होने और साल के अंत में सिंह राशि में बृहस्पति के होने से शादियों में रुकावट आ सकती है। कुछ राशियों के लिए साल का मध्य समय विवाह और संतान प्राप्ति के लिहाज से बेहतर रहेगा, जबकि कई लोगों को इंतजार करना पड़ सकता है।
यह साल भावनाओं में बहने के बजाय समझदारी से चलने का है। क्रोध, अहंकार और वाणी पर नियंत्रण रखना बेहद जरूरी होगा। जो लोग आक्रामक या अत्यधिक डोमिनेंट स्वभाव के हैं, उनके लिए रिश्तों में संकट की संभावना ज्यादा रहेगी।
ये भी पढ़ें