धर्म/ज्योतिष

मंगल गोचर से कर्क राशि वालों पर बड़े नकारात्मक प्रभाव, जानें नुकसान और उपाय

Mangal Gochar 2025: ग्रहों के सेनापति मंगल ग्रह 3 अप्रैल को चंद्रमा की राशि कर्क में भ्रमण करना शुरू करेंगे तो इसका सबसे अधिक प्रभाव कर्क राशि पर पड़ेगा। इनको अवसाद हो सकता है। जानिए किन उपाय से राहत मिलेगी और कर्क राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा (Mars transit remedy)

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Apr 03, 2025
Mangal Gochar 2025: मंगल गोचर 2025 का कर्क राशि पर दुष्प्रभाव

Mars transit remedy: ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में मंगल को सभी ग्रहों का सेनापति होने का दर्जा प्राप्त है। मंगल मेष राशि और वृश्चिक राशि के स्वामी माने गए हैं। मकर राशि (Mangal Gochar 2025) में मंगल उच्च के हो जाते हैं, वहीं कर्क राशि में मंगल को नीच का माना जाता है। सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति से इनकी मित्रता है। बुध से मंगल की नहीं बनती है। जबकि शुक्र और शनि इनके सम संबंध हैं।


मंगल देव पराक्रम, स्फूर्ति, साहस, आत्मविश्वास, धैर्य, देश प्रेम, बल, रक्त, महत्वाकांक्षा और शस्त्र विद्या के अधिपति माने गए है। विशेष रूप से जानें तो अग्नि तत्व होने से मंगल सभी प्राणियों को जीवन शक्ति देता है। यह प्रेरणा, उत्साह एवं साहस का प्रेरक होता है। लेकिन जब मंगल नीच राशि कर्क में गोचर करते हैं तो इसका कर्क राशि वालों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। आइये जानते हैं कर्क राश पर क्या नकारात्मक असर पड़ेगा और इसके क्या उपाय हैं।

कर्क राशि पर नकारात्मक प्रभाव

ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार मंगल नीच अवस्था में होने के कारण मंगल नकारात्मक परिणाम भी दे सकते हैं। इस गोचर का प्रभाव कर्क राशि के जातकों पर नकारात्मक पड़ने वाला है। जातक अपने बल में कमी महसूस करेंगे शारीरिक दुर्बलता और मानसिक अवसाद का सामना करना पड़ सकता है। जातक हीन भावना महसूस कर सकते हैं।

वैदिक ज्योतिष में भूमि पुत्र मंगल को अग्नि का कारक कहा गया है इसलिए चन्द्रमा की राशि कर्क में जाकर वो नीच के हो जाते हैं। चन्द्रमा जल का कारक है और अग्नि जल का कोई मेल नहीं है इसलिए मंगल पूर्ण बलहीन होकर अपना कोई भी शुभ प्रभाव यहां नहीं देते हैं। मंगल के लिए कर्क राशि नीच राशि कहलाती है इसलिए मंगल का यह गोचर बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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करें पूजा-पाठ और दान


ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि मंगल के अशुभ असर से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए। लाल चंदन या सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए। तांबे के बर्तन में गेहूं रखकर दान करने चाहिए। लाल कपड़ों का दान करें। मसूर की दाल का दान करें। शहद खाकर घर से निकलें। हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें। मंगलवार को बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं।

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