Shani amavasya shatgrahi yog: शनिश्चरी अमावस्या 29 मार्च को है, इस दिन शनि देव राशि बदलने जा रहे हैं। इस दौरान बुध, शुक्र, राहु समेत 6 ग्रहों की युति से दुर्लभ षटग्रही योग बनेगा। इससे 4 राशियों की किस्मत पलट सकती है। आइये जानते हैं कौन हैं वो लकी राशियां (Shani Rashi Parivartan) ..
Shani Rashi Parivartan: ज्योतिषाचार्य डॉ.हुकुमचंद जैन के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या पर 29 मार्च को शनिदेव अपना स्थान बदलने जा रहे हैं। वे रात 09.41 बजे कुंभ राशि से मीन में प्रवेश करेंगे। खास बात यह है कि इस दौरान षडग्रही युति संयोग बनने जा रहा है (Shani amavasya shatgrahi yog)।
इस दौरान शनि के साथ ही सूर्य, बुध, शुक्र, चंद्रमा और राहु एकसाथ मीन राशि में रहेंगे। ज्योतिषियों के मुताबिक इस घटना से सभी राशियों के लोगों के साथ-साथ देश-दुनिया के सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक परिदृश्य पर बड़ा असर पड़ने वाला है।
मेष: खर्च बढ़ेंगे, स्वास्थ्य पर ध्यान दें, विदेश यात्रा संभव।
वृषभ: आय में बाधा, रुके काम पूरे होंगे।
मिथुन: कार्यक्षेत्र में बदलाव हो सकता है, राजनीति में सफलता।
कर्क: धार्मिक यात्रा के योग, पिता को कष्ट संभव।
सिंह: रिसर्च क्षेत्र में अवसर, दुर्घटना से बचाव जरूरी।
कन्या: व्यापार में लाभ, पार्टनर को लेकर तनाव।
तुला: स्वास्थ्य पर ध्यान दें, कोर्ट-कचहरी के योग।
वृश्चिक: विद्यार्थियों के लिए बदलाव का समय, प्रेम विवाह के संकेत भी।
धनु: वाहन सावधानी से चलाएं, संपत्ति खरीदारी के योग। परिवार में तनाव संभव। पराक्रम से विजय मिलेगी।
मकर: इस राशि के जातकों के यात्रा के योग बन रहे हैं।
कुंभ: वाणी पर संयम रखें, परिवार में तनाव संभव।
मीन: चुनौतियां रहेंगी, पराक्रम से विजय मिलेगी।
ज्योतिषाचार्य डॉ.हुकुमचंद जैन के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या पर पितरों का तर्पण, शनि देव को तेल चढ़ाने से विशेष लाभ मिलेगा। जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढैया चल रही है, उनके लिए पूजा अत्यंत लाभकारी होगी। यह संयोग अगले तीन दशकों की आधारशिला रख सकता है।
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ज्योतिषाचार्य डॉ.हुकुमचंद जैन ने बताया कि 29 मार्च शनि अमावस्या के दिन इस बार सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है। हालांकि यह सूर्य ग्रहण यूरोप, उत्तरी रूस, उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका में दिखाई देगा। भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2.21 बजे स्पर्श, 4.17 बजे मध्य और शाम 6.14 बजे ग्रहण का मोक्ष होगा। किंतु भारत में दिखाई ना देने के कारण इसके सूतक, पातक और धार्मिक मान्यता नियम मान्य नहीं होंगे।