Shani Rashi Parivartan Meen Rashi: ढाई साल बाद राशि बदलने वाले शनि 29 मार्च 2025 को राशि बदलकर गुरु की राशि मीन में गोचर करेंगे। ज्योतिषियों की मानें तो यह बदलाव मनुष्यों की लाइफ में भी बड़ा परिवर्तन करेगा। विशेष रूप से धार्मिक मामलों के न्यायालयिक प्रकरणों के समाधान में, आइये जानते हैं शनि राशि परिवर्तन से और क्या बदलाव आएंगे (sadesati Shatgrahi Yog)
Sadesati Shatgrahi Yog: हिंदू पंचांग के अनुसार ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाले मंद ग्रह शनि 29 मार्च रात्रि 8.51 पर कुंभ राशि छोड़कर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। मीन राशि गुरु की राशि है। इस राशि में शनि का प्रवेश धर्म, कर्म, सामाजिकता आदि के क्षेत्र में न्याय कराएगा। धार्मिक मामलों के न्यायालय प्रकरणों में तेजी आएगी। पंडित विनोद गौतम से आइये जानते हैं मीन राशि में शनि गोचर क्या बदलाव लाने वाला है (Shani Rashi Parivartan Meen Rashi)
ज्योतिष मठ संस्थान के पंडित विनोद गौतम के अनुसार, शनि हर ढाई साल में राशि और हर एक साल में नक्षत्र परिवर्तन करते हैं। ऐसे में शनि हर 30 साल में राशि चक्र और करीब 27 साल में नक्षत्र चक्र पूरा करते हैं यानी सभी 27 नक्षत्रों के चक्र को पूरा कर लेते हैं।
शनि ग्रह के राशि परिवर्तन के साथ ही कई दशकों बाद षटग्रही योग बनेगा। मीन राशि में सूर्य, बुध, शुक्र, राहु और चंद्रमा पहले से ही पंचग्रही योग बनाए हुए हैं। शनि के मीन राशि में आने से एक ही राशि में छह ग्रह एकत्र हो जाएंगे। यह योग कई दशकों बाद बन रहा है और इसे अशुभ माना जाता है। ऐसी स्थिति 1962, 1972 और 2001 में बनी थी, जब देश को संकट का सामना करना पड़ा था।
यह लंबी अवधि का चतुष्ग्रही, पंचग्रही और षटग्रही योग है, जिससे देश-दुनिया को सावधान रहने की आवश्यकता है। षटग्रही योग के प्रभाव से प्राकृतिक और मानवीय प्रकोप दोनों संभव हैं।
1.शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाएं।
2. बीच की उंगली में लोहे की अंगूठी धारण करें।
3. हनुमान चालीसा का पाठ करें और शनिवार को व्रत कर पूजा में तेल, तिल आदि अर्पित करें।
4. शनिवार को काली वस्तुओं जैसे काला कंबल, उड़द की दाल, काले तिल और लोहे के पात्र का दान करना लाभकारी रहेगा।
5. शं शनिश्चराय नम:’ मंत्र का जाप करना सुखद रहेगा।
उतरती हुई साढ़ेसाती शनि का प्रभाव पैरों पर होगा, जिससे नौकरी-व्यापार में उन्नति होगी, धन-धान्य में वृद्धि होगी, रुका हुआ पैसा मिलने की संभावना बढ़ेगी, कानूनी मामलों में सफलता प्राप्त होगी और शत्रुओं पर विजय मिलेगी।
इस राशि वालों को साढ़ेसाती शनि का प्रभाव स्वर्ण पाद से हृदय पर होगा, जिससे विरोधियों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही घरेलू परेशानियां, चिंता, संकट और पुराने रोग कष्टकारी हो सकते हैं। पारिवारिक विवाद भी बढ़ने की अत्यधिक संभावना हैं।
इस राशि वालों को अढ़ैया शनि का प्रभाव रहेगा, जिससे स्वास्थ्यगत परेशानी, शारीरिक पीड़ा और रोग कारक स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इस राशि वालों को अढ़ैया शनि के प्रभाव से शारीरिक कष्ट, वाहन भय, चोट-चपेट की संभावना, रक्त विकार, पारिवारिक चिंता, लाभ में कमी, लेन-देन की समस्या और चोरी का भय रह सकता है।
पंडित गौतम के अनुसार, शनि के राशि परिवर्तन से साढ़ेसाती और ढैय्या शनि के प्रभाव से होगा। यह परिवर्तन लगभग ढाई से तीन वर्ष बाद होने जा रहा है। मकर, कर्क, वृश्चिक राशि को शनि अपने प्रभाव से मुक्त करेगा। मेष, सिंह, धनु राशि वालों पर शनि का प्रभाव शुरू होगा।