घर में शुभ और मंगल कार्य न होना अक्सर ग्रहों की नकारात्मक स्थिति, कलह-कलेश और वास्तु दोष का संकेत हो सकता है। सही ग्रह स्थिति, पूजा-पाठ और छोटे-छोटे उपायों से शुभता फिर से लौट सकती है।
अक्सर देखा जाता है कि घर में शादी, गृह प्रवेश या अन्य शुभ कार्यों की पूरी तैयारी हो जाती है, लेकिन अंतिम समय पर कोई न कोई बाधा आ जाती है। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य शैलेंद्र पांडे के अनुसार, इसके पीछे केवल परिस्थितियां नहीं बल्कि ग्रहों की स्थिति भी बड़ी वजह होती है। आइए समझते हैं कि किन ग्रहों से शुभ और मंगल कार्य संभव होते हैं और किन कारणों से इनमें रुकावट आती है।
ज्योतिष में मंगल ग्रह को मंगल कार्यों का मुख्य कारक माना गया है। विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे कार्य मंगल के बिना अधूरे माने जाते हैं।
इसके अलावा—
यदि कुंडली में मंगल, चंद्रमा और बृहस्पति अनुकूल हों, तो घर में शुभ कार्य सहज रूप से संपन्न होते हैं।
कई बार तैयारियां पूरी होने के बाद भी शुभ कार्य टूट जाते हैं। इसके पीछे मुख्य कारण माने जाते हैं—
विशेष रूप से, शनि की नकारात्मक महादशा (लगभग 19 वर्ष) में शुभ कार्यों में देरी देखी जाती है।
इन स्थितियों में घर में शुभता बनी रहती है।
यह उपाय विघ्न-बाधाओं को दूर करने में सहायक माने जाते हैं।
हल्दी और पीला रंग बृहस्पति ग्रह से जुड़े माने जाते हैं। बृहस्पति शुभता, पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक है। पुराने समय में निमंत्रण पत्रों पर हल्दी लगाने की परंपरा इसी कारण थी, ताकि कार्य की शुभता बनी रहे।