ऑटोमोबाइल

Flying Bus: भारत में उड़ने वाली बस चलाने की योजना, परिवहन मंत्री गडकरी ने दी जानकारी, जानिए कब तक चलेगी ये बस

Flying Bus: भारत में उड़ने वाली बस पर सर्कार काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि बेंगलुरु में एरियल पॉड सिस्टम पर रिसर्च चल रही है। जानिए क्या है फ्लाइंग बस टेक्नोलॉजी?

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Jun 10, 2025
flying bus in india (image Source: Freepik)

Flying Bus in India: देश की सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की चुनौतियों को देखते हुए केंद्र सरकार अब हवाई बसों यानि फ्लाइंग पॉड सिस्टम लाने की तैयारी में है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में जानकारी दी कि दिल्ली से मानेसर और बेंगलुरु जैसे शहरों में उड़ने वाली बसों पर रिसर्च चल रही है। यह तकनीक भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए एक नई दिशा तय कर सकती है, जहां इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को लेकर तेजी से काम हो रहा है।

क्या है ये फ्लाइंग बस कॉन्सेप्ट?

यहां फ्लाइंग बस का मतलब सीधे आसमान में उड़ने वाली पारंपरिक बस से नहीं है, बल्कि एक एरियल पॉड सिस्टम से है, जिसे तकनीकी तौर पर पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (PRT) कहा जाता है।

यह सिस्टम छोटी-छोटी इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर आधारित होगा, जो जमीन की बजाय हवा में बने ट्रैक पर दौड़ेंगी।

हर पॉड में 2 से 6 लोग बैठ सकते हैं और यह ऑन-डिमांड चलती हैं। यानीं आप ऐप से बुक करेंगे और पॉड सीधे आपको आपके गंतव्य तक बिना किसी स्टॉप के ले जाएगा। इसमें इस्तेमाल होने वाली गाड़ियां ऑटोमेटिक होंगी और मैग्नेटिक टेक्नोलॉजी के जरिए 240 किमी/घंटा की रफ्तार तक चल सकती हैं।

दिल्ली से मानेसर तक पहली झलक?

गडकरी जी ने बताया कि पहला प्रोजेक्ट धौला कुआं से मानेसर के बीच शुरू करने की योजना है, क्योंकि इस रूट पर ट्रैफिक काफी ज्यादा रहता है। इसके अलावा पुणे में भी इस टेक्नोलॉजी की स्टडी की जा रही है।

ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए यह एक नया चैप्टर होगा। जहां सड़कों पर नहीं, बल्कि हवा में बसे 'पॉड ट्रैक' पर गाड़ियां दौड़ेंगी। इससे न सिर्फ समय बचेगा, बल्कि सड़क पर ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा।

इलेक्ट्रिक बसों में भी आएगा बड़ा बदलाव

उड़ती बसों के साथ-साथ मंत्रालय हाई-कैपेसिटी इलेक्ट्रिक बसों पर भी काम कर रहा है। नागपुर में लॉन्च हुई नई 135-सीटर इलेक्ट्रिक बस इसी का उदाहरण है। ये बसें फ्लैश-चार्जिंग टेक्नोलॉजी से लैस होंगी, यानि हर 40 किमी पर स्टॉप लेते वक्त सिर्फ 30 सेकंड में चार्ज भी हो जाएंगी।

इन बसों में एयर होस्टेस की तरह 'बस होस्टेस' होंगी, एग्जीक्यूटिव क्लास सीटिंग होगी और हर सीट के सामने टीवी स्क्रीन भी लगे होंगे। इसकी अधिकतम स्पीड 120 किमी/घंटा होगी और किराया डीजल बसों की तुलना में 30% तक कम होगा।

आने वाले समय में इन शहरों में विस्तार

यदि नागपुर मॉडल सफल रहता है तो यह सेवा इन शहरों में शुरू की जाएगी।

दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-देहरादून, बेंगलुरु-चेन्नई, मुंबई-नासिक-पुणे।

ऑटोमोबाइल सेक्टर में क्या बदलेगा?

यह पूरी योजना भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए ट्रांसपोर्टेशन इनोवेशन का नया दौर साबित हो सकती है। जहां आज की तारीख में हम कार, बस और बाइक के ज़रिए यात्रा करते हैं, वहीं भविष्य में हवा में दौड़ते पॉड और सुपरफास्ट इलेक्ट्रिक बसें इस सेक्टर की तस्वीर बदल सकती हैं। हालांकि, अभी इस पर रिसर्च चल रही है हकीकत में आने में काफी समय है।

Updated on:
10 Jun 2025 02:54 pm
Published on:
10 Jun 2025 02:53 pm
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