FASTag and Third-Party Insurance: सरकार इंश्योरेंस वेरिफिकेशन प्रोसेस को फास्टैग और अन्य डिजिटल सर्विसेज के साथ जोड़ने की प्लानिं कर रही है। इससे पूरा सिस्टम सही तरीके से काम कर सकेगा...
Mandatory Third Party Insurance For Fuel and Fastag: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को थर्ड पार्टी बीमा को बढ़ावा देने के लिए कुछ तरीकों पर विचार करने का आदेश दिया है। जिसमें कहा गया है कि बिना बीमा वाले वाहनों को फ्यूल भरवाने और फास्टैग लेन का इस्तेमाल करने से रोकना है, यानि कि पेट्रोल और FASTag के लिए आपको इंश्योरेंस पेपर्स दिखाने पड़ेंगे। मंत्रालय के प्रस्ताव में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि, बिना बीमा वाले वाहन मालिकों के ड्राइविंग लाइसेंस का रिन्युअल (नवीनीकरण) नहीं किया जाएगा।
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अनुसार, सभी वाहनों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य है। यह इंश्योरेंस किसी दुर्घटना में तीसरे पक्ष को हुए नुकसान की भरपाई करता है। लेकिन भारत में 50% से ज्यादा वाहन बिना इंश्योरेंस के चल रहे हैं। यह कानूनन अपराध है और इसके लिए पहली बार अपराध करने पर 2,000 रुपये के जुर्माने या तीन महीने की कैद का भी प्रावधान है। इसके आलावा बार-बार नियम तोड़ने पर जुर्माना राशि को 4,000 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है।
सरकार वाहन सर्विसेज को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस से जोड़ने की प्लानिंग कर रही है। जिससे यह तय किया जा सकेगा कि, जिन वाहनों का इंश्योरेंस नहीं होगा उन्हें रजिस्ट्रेशन, फ्यूल भरवाने और फास्टैग जैसी सर्विसेज से वंचित किया किया जा सकेगा। केंद्रीय वित्त मंत्रालय की तरफ से राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन नियमों का कड़ाई से पालन कराने के लिए सख्त निर्देश दिए जा सकते हैं।
संसदीय स्थायी समिति ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवरेज को बढ़ाने के लिए कई सिफारिशें दी हैं। जिसमें वाहन रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस की निगरानी के लिए डेटा इंटीग्रेशन, ई-चालान सिस्टम को मजबूत करना और राज्य सरकारों के बीच बेहतर डेटा रिपोर्टिंग शामिल है।
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के मुताबिक, 2024 में भारत में चलने वाले लगभग 35-40 करोड़ वाहनों में से केवल आधे यानि 50% वाहन ही थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर्ड हैं।
सरकार इंश्योरेंस वेरिफिकेशन प्रोसेस को फास्टैग और अन्य डिजिटल सर्विसेज के साथ जोड़ने की प्लानिं कर रही है। इससे पूरा सिस्टम सही तरीके से काम कर सकेगा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवरेज को बढ़ावा मिलेगा।