Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में आज भावनाओं से भरा ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के मुख्य शिखर पर 161 फीट ऊंची केसरिया धर्मध्वजा फहराई। ध्वजारोहण के दौरान पीएम मोदी और साधु-संत भावुक हो उठे। जय श्रीराम के गगनभेदी उद्घोष के बीच सम्पन्न हुए इस समारोह ने पूरे परिसर को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
Ram Mandir Flag Hoisting PM Modi Emotional:अयोध्या राम मंदिर में ध्वजारोहण का ऐतिहासिक समारोह पूरे वैभव और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ सम्पन्न हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्धारित आधे घंटे के शुभ मुहूर्त में धर्मध्वजा फहराई। कार्यक्रम का दृश्य इतना भव्य और अद्वितीय था कि देश-दुनिया से आए विशिष्ट अतिथि भी भाव-विभोर होते नजर आए। पूरा परिसर दिव्य रोशनी और शंखध्वनि से गुंजायमान रहा, जिसके साथ ही अध्यात्म का अनुपम उत्सव साकार हुआ।
जैसे-जैसे 2 किलो वजनी केसरिया ध्वज मंदिर के शीर्ष की ओर ऊपर बढ़ता गया, पीएम मोदी भावुक और शांत भाव से उसे निहारते रहे। उस क्षण प्रधानमंत्री की आंखों में विशेष चमक थी और चेहरा श्रद्धा से दीप्तिमान। इसी समय सामने की पंक्ति में बैठे साधु-संत भी अपने आंसू पोंछते दिखाई दिए। पूरा वातावरण आध्यात्मिक भावनाओं से अभिभूत था।
इस ऐतिहासिक अवसर पर लगभग आठ हजार लोगों को आमंत्रित किया गया था। वे सभी प्रधानमंत्री के साथ खड़े होकर भारत की सांस्कृतिक पहचान और आध्यात्मिक गौरव के इस समारोह के साक्षी बने। माहौल में सिर्फ एक ही स्वर गूंज रहा था - जय श्रीराम की ध्वनि।
प्रधानमंत्री मोदी रामलला के लिए वस्त्र और चंवर लेकर पहुंचे। उन्होंने सप्त ऋषियों के दर्शन किए, भगवान शेषावतार लक्ष्मण की आराधना की और मंदिर प्रांगण में स्थित जलाशय का अवलोकन भी किया। मंदिर प्रबंधन के अनुसार यह क्षण रामभक्तों के लिए आध्यात्मिक इतिहास का स्वर्णाक्षरी अध्याय सिद्ध होगा।
प्रधानमंत्री ने साकेत कॉलेज से रामजन्मभूमि तक लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबा रोड शो किया। रास्ते भर महिलाओं एवं छात्रों ने पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया। पूरा शहर उत्साह, उल्लास और भक्ति के रंग में रंगा हुआ दिखाई दिया।
सुबह 11:50 बजे अभिजीत मुहूर्त में पीएम मोदी के बटन दबाते ही धर्मध्वजा मंदिर के मुख्य शिखर के 161 फीट ऊंचे शीर्ष पर पहुंच गई। जैसे ही ध्वज हवा में लहराया, पूरा वातावरण 'जय श्रीराम' के उद्घोष से गूंज उठा। उसी क्षण यह भी घोषित किया गया कि राम मंदिर का निर्माण अब पूर्ण रूप से संपन्न हो गया है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह दिन भारत की आत्मा के पुनर्जागरण का प्रतीक है। पूरे परिसर में उपस्थित श्रद्धालु उनके शब्दों के साथ गहरे भाव से जुड़े रहे।
इस समारोह के दौरान दूर-दूर तक एक ही उद्घोष गूंजता रहा - जय राम सियाराम। रामनगरी में आध्यात्मिकता, राष्ट्रीयता और श्रद्धा का ऐसा संगम विरले ही देखने को मिलता है। आज का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के नाम से याद रखा जाएगा।