अयोध्या

Ayodhya Parikrama: अयोध्या में भक्ति का सागर: 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा में उमड़े लाखों श्रद्धालु

Ayodhya Kartik Month: कार्तिक मास में अयोध्या एक बार फिर भक्तिभाव से चमक उठी है। 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा में लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे। सरयू घाट पर स्नान, भजन-कीर्तन, दीपदान और श्रद्धा का समागम, अयोध्या को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देगा।

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Oct 24, 2025
14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा में उमड़ेगा श्रद्धालुओं का सैलाब    (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

Ayodhya 14 Kosi Parikrama: कार्तिक मास का पवित्र पर्व और अयोध्या की पावन धरती-दोनों मिलकर एक अद्भुत दृश्य रचते हैं। दीपों की रोशनी, भजन-कीर्तन की गूँज और सरयू तट की शांति… यही वह वातावरण है जिसमें श्रद्धालु 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा में शामिल होते हैं। लाखों भक्त दूर-दूर से आते हैं, हाथों में ध्वज लिए, पैरों में थकान सहते हुए, केवल प्रभु श्री राम की कृपा पाने के लिए। यह यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आध्यात्मिक साधना और जीवन को मोक्ष की ओर ले जाने वाला मार्ग है।

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14 कोसी परिक्रमा: अयोध्या की संपूर्ण लीला भूमि का प्रदक्षिणा

  • प्रारंभ: 29 अक्टूबर, रात्रि 4:51
  • समापन: 30 अक्टूबर, रात्रि 4:40
  • दूरी: लगभग 42 किलोमीटर
  • मुख्य स्थल: सरयू घाट, श्री राम जन्मभूमि, हनुमानगढ़ी, प्राचीन मंदिर

श्रद्धालु पहले सरयू नदी में स्नान करते हैं। फिर पैदल यात्रा शुरू होती है। बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं सभी अपने भीतर की भक्ति के साथ आगे बढ़ते हैं। मान्यता है कि 14 कोसी परिक्रमा करने से सभी तीर्थों का फल प्राप्त होता है। मार्ग में भजन, कीर्तन और रामनाम का अखंड संकीर्तन भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देता है।

पंचकोसी परिक्रमा: मोक्षदायिनी यात्रा

  • आरंभ: 31 अक्टूबर, रात्रि 12:04
  • समापन: 1 नवम्बर, रात्रि 2:57
  • दूरी: लगभग 15 किलोमीटर
  • क्षेत्र: अयोध्या धाम का हृदय क्षेत्र

यह यात्रा मोक्षदायिनी मानी जाती है। मान्यता है कि इसे करने से जीवन के सभी पाप समाप्त होते हैं। भक्त रात के अंधेरे में कदम बढ़ाते हैं, हाथों में भगवा ध्वज, होठों पर केवल “जय श्रीराम” का उद्घोष।

  • भक्ति और मानवता का अद्भुत संगम
  • स्वयंसेवक हर कदम पर सेवा में जुटे
  • भंडारे और पेयजल की सुविधा
  • रास्तों पर दीपों और झंडों का सजावटी दृश्य
  • खोया-पाया केंद्र और स्वास्थ्य शिविर
  • यह परिक्रमा न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव भी है।

प्रमुख स्थल और धार्मिक महत्व

स्थलमहत्व
श्रीराम जन्मभूमिप्रभु का अवतार स्थल
सरयू घाटस्नान और आरती स्थल
हनुमानगढ़ीराम भक्तों के लिए सुरक्षा और शक्ति का प्रतीक
सुग्रीव किलारामायणकालीन स्मृति स्थल
रामकोट मंदिरप्राचीन धार्मिक महत्व

दीपोत्सव का आलोक

  • कार्तिक माह में परिक्रमा दीपोत्सव से जुड़ी होती है।
  • सरयू घाट पर लाखों दीप
  • भजन और आरती
  • भक्तों के चेहरों पर भक्ति का उजाला
  • यह दृश्य केवल देखने वाला नहीं, बल्कि अनुभव करने वाला है।

प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था

  • पुलिस और पीएसी की तैनाती
  • ड्रोन और CCTV निगरानी
  • मेडिकल टीम और एम्बुलेंस
  • ट्रैफिक नियंत्रण और मार्ग डायवर्जन
  • महिला सुरक्षा और सहायता केंद्र

अधिकारियों का कहना है: “भक्त सुरक्षित और निर्भय होकर यात्रा करें, प्रशासन पूरी सजगता से तैनात है।”

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