Ayodhya Kartik Month: कार्तिक मास में अयोध्या एक बार फिर भक्तिभाव से चमक उठी है। 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा में लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे। सरयू घाट पर स्नान, भजन-कीर्तन, दीपदान और श्रद्धा का समागम, अयोध्या को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देगा।
Ayodhya 14 Kosi Parikrama: कार्तिक मास का पवित्र पर्व और अयोध्या की पावन धरती-दोनों मिलकर एक अद्भुत दृश्य रचते हैं। दीपों की रोशनी, भजन-कीर्तन की गूँज और सरयू तट की शांति… यही वह वातावरण है जिसमें श्रद्धालु 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा में शामिल होते हैं। लाखों भक्त दूर-दूर से आते हैं, हाथों में ध्वज लिए, पैरों में थकान सहते हुए, केवल प्रभु श्री राम की कृपा पाने के लिए। यह यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आध्यात्मिक साधना और जीवन को मोक्ष की ओर ले जाने वाला मार्ग है।
श्रद्धालु पहले सरयू नदी में स्नान करते हैं। फिर पैदल यात्रा शुरू होती है। बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं सभी अपने भीतर की भक्ति के साथ आगे बढ़ते हैं। मान्यता है कि 14 कोसी परिक्रमा करने से सभी तीर्थों का फल प्राप्त होता है। मार्ग में भजन, कीर्तन और रामनाम का अखंड संकीर्तन भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देता है।
यह यात्रा मोक्षदायिनी मानी जाती है। मान्यता है कि इसे करने से जीवन के सभी पाप समाप्त होते हैं। भक्त रात के अंधेरे में कदम बढ़ाते हैं, हाथों में भगवा ध्वज, होठों पर केवल “जय श्रीराम” का उद्घोष।
| स्थल | महत्व |
| श्रीराम जन्मभूमि | प्रभु का अवतार स्थल |
| सरयू घाट | स्नान और आरती स्थल |
| हनुमानगढ़ी | राम भक्तों के लिए सुरक्षा और शक्ति का प्रतीक |
| सुग्रीव किला | रामायणकालीन स्मृति स्थल |
| रामकोट मंदिर | प्राचीन धार्मिक महत्व |
अधिकारियों का कहना है: “भक्त सुरक्षित और निर्भय होकर यात्रा करें, प्रशासन पूरी सजगता से तैनात है।”