आजमगढ़

Azamgarh Nes: सरयू नदी दिखा रही अपना रौद्र रुप, 2 दिनों में लील गई 35 बीघे जमीन

घाघरा नदी में पानी का डिस्चार्ज लगातार बढ़ते हुए 3,35,000 क्यूसेक तक पहुंच गया है। जलस्तर के 72.10 मीटर से ऊपर जाने की आशंका जताई जा रही है, जिससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इसके साथ ही नदी के तेज बहाव से कटान की रफ्तार भी तेज हो गई है।

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Sep 01, 2025

Azamgarh Flood News: घाघरा नदी में पानी का डिस्चार्ज लगातार बढ़ते हुए 3,35,000 क्यूसेक तक पहुंच गया है। जलस्तर के 72.10 मीटर से ऊपर जाने की आशंका जताई जा रही है, जिससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इसके साथ ही नदी के तेज बहाव से कटान की रफ्तार भी तेज हो गई है।

सबसे ज्यादा प्रभाव देवारा खास राजा और सहबदिया गांव में देखा जा रहा है। बीते दो दिनों में लगभग 35 बीघा उपजाऊ जमीन नदी में समा चुकी है। सहबदिया गांव के सामने कटान रोकने के लिए बनाई गई 4.25 करोड़ रुपये की परियोजना भी असफल होती दिख रही है। परियोजना के तहत बना सातवां स्पर तेज धारा में कटकर गिरने लगा है।

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बाढ़ खंड ने अस्थायी उपाय के तौर पर गैरेबियन डालना शुरू किया है, लेकिन इसका खास असर दिखाई नहीं दे रहा है। स्थानीय किसान जोखन सिंह पटेल का कहना है कि लगातार हो रही कटान से उनकी उपजाऊ जमीन नदी में समा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब करोड़ों रुपये की परियोजना विफल साबित हो रही है तो अस्थायी उपाय कितने कारगर होंगे।

इस बीच बाढ़ खंड के अवर अभियंता रामानंद और सहायक अभियंता ने मौके का निरीक्षण किया। अवर अभियंता ने स्वीकार किया कि कटान बड़े पैमाने पर हो रही है और सभी जगह काम कर पाना संभव नहीं है। हालांकि उनका कहना है कि गैरेबियन कुछ हद तक कटान रोकने में कारगर साबित हो रहा है।

Published on:
01 Sept 2025 04:29 pm
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