यूपी बहराइच जिले में इंडो-नेपाल बार्डर पर बसा भरथापुर गांव खुद में एक कहानी है। दशकों से यह गांव दुनिया से कटा हुआ है। 22 लोगों से भरी नाव पलटने के बाद यह गांव चर्चा में आया। अब इस गांव के लोगों का भाग्य बदलने वाला है।
Bharthapur Village Relocation : यूपी बहराइच जिले में इंडो-नेपाल बार्डर पर बसा भरथापुर गांव खुद में एक कहानी है। दशकों से यह गांव दुनिया से कटा हुआ है। यह गांव तीन तरफ से नदियों से घिरा है तो चौथी तरफ जंगल है। गांव में आने-जाने का एकमात्र रास्ता नाव का था। वह भी जोखिम वाला मगरमच्छों से भरा नदी को पार करके।
इस गांव में न तो अस्पताल है…न ही आठवीं तक स्कूल। बिजली का एक खंभा भी गांव में नहीं लगा है। 600 की आबादी वाला यह गांव मूलभूत सुविधाओं से दूर हैं। लेकिन, अब इस गांव का भाग्य बदलने वाला है।
2 नवंबर को कौड़ियाला नदी में नाव पलटने से 22 लोग सवार थे, जिनमें से 5 की मौत हो गई। इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत आदेश दिया कि 'भरथापुर गांव के सभी परिवारों को एक महीने के अंदर सुरक्षित स्थान पर बसाया जाए'। इसके लिए 21.55 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। हर परिवार को जमीन, मकान और आर्थिक सहायता दी जाएगी।
गांव वालों के लिए ये किसी सपने से कम नहीं। पिछले 15 साल से वे पुनर्वास की मांग कर रहे थे। पांच साल पहले तो कुछ लोग लखनऊ तक सीएम जनता दरबार में आवेदन देने गए थे।
बहराइच प्रशासन के अनुसार भरथापुर गांव वालों के पुनर्वास के लिए प्रशासन ने तेजी से काम शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने नई बस्ती के लिए 'सेमरहना गांव में 4.2 एकड़ सरकारी जमीन' चिन्हित कर ली है, जो भरथापुर से करीब 50 किमी दूर है।
जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि पूरा प्लान तैयार है। सरकार को नई बस्ती का पूरा लेआउट प्लान और लागत अनुमान तैयार कर सरकार को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्व विभाग और विकास विभाग ने बताया कि 700-800 वर्ग फुट का आवासीय प्लॉट, प्रधानमंत्री आवास योजना या अन्य सरकारी योजना से पक्का मकान और शौचालय, बिजली, नाली, पीने का पानी और सड़क की सुविधा, 8 फुट चौड़ी आंतरिक सड़कें, स्ट्रीट लाइट, पानी-सिवर की पाइपलाइन, पशुओं के लिए अलग से जगह, हर परिवार को करीब ढाई बीघा खेती की जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी।