MP News: आरोपियों ने पुलिस को खुला चैलेंज दिया था। जवाब में टीम ने 800 नंबर, 32 बैंक खाते खंगालकर करोड़ों की ठगी करने वाले गैंग को धर दबोचा।
cyber fraud gang busted: मध्यप्रदेश में सायबर/ऑनलाइन ठगी के मामले में अब तक की बड़ी कार्रवाइयों में एक बालाघाट पुलिस ने अंजाम दिया है। खास है कि पुलिस ने ठगी किए गए 41 लाख रुपए के एवज में 40 लाख रुपए सहित कार, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि उपकरण भी बरामद करने में सफलता प्राप्त की है। इसके लिए 800 फोन नंबर, 60 आइएमइआइ नंबर, 32 बैंक खाते जांचे गए। यह सूबे की बड़ी कार्रवाई में एक बताई जा रही है। शोबा ने 23 अगस्त को शिकायत की थी। (MP News)
पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने शुक्रवार को पुलिस कंट्रोल रूम में इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपियों में एक ने महाराष्ट्र पुलिस को चैलेंज किया था कि उसे गिरफ्तार कर बताएं। आरोपियों ने मप्र के अलावा महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से करोड़ों की आनलाइन ठगी की है। मप्र के महू और धामनोद पुलिस को भी इनकी तलाश है। आरोपियों ने आनलाइन ठगी करने के लिए लोगों को विश्वास में लेने कोर लाइफ रिएल्टर्स, ओजस्विन ग्रुप, सत्या ट्रेडर और ग्रेटर स्काइ स्टे नाम की कंपनी भी बनाई है। पीड़िता को आरोपियों ने इन्हीं कंपनियों के बारे में बताकर झांसा में लिया था। (MP News)
बालाघाट की प्रेमनगर निवासी पीड़िता शोबा सोनेकर को ये लोग अलग-अलग नंबरों से सितंबर 2024 से कॉल कर बात कर रहे थे। शोबा महिला एवं बाल विकास विभाग की रिटायर्ड कर्मी हैं। ठग ने शोबा पहले उनको बंद बीमा पॉलिसी के 10 लाख रुपए क्लेम दिलाने और बाद में अपनी कंपनियों के बारे में बताकर हर माह एक लाख रुपए वेतन देने का लालच दिया। उन लोगों ने बातचीत के माध्यम से उनको अपने झांसे में लेकर तीन अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाया।
पीड़िता ने फरवरी से मई के बीच 17 बार आरटीजीएस के माध्यम से खातों में पैसे ट्रांसफर किए थे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रिपोर्ट विलंब से दर्ज होने की वजह से आरोपियों ने पीड़िता के ट्रांसफर किए गए पैसों को निकाल लिया था। जांच में सामने आया कि आरोपियों ने पैसों को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया है। आरोपियों ने जिनके नाम से खाते खुलवाएं थे, वे अधिकांश मजदूर व रिक्शा चालक है, जिनको अपने खाते की कोई जानकारी नहीं है। (MP News)
बताया कि जब यह मामला सामने आया तो सबसे पहले साइबर क्राइम पोर्टल 1930 के माध्यम से सभी खातों को फ्रिज कराया गया। पांच विशेष टीम गठित किया गया, जो एक साथ दिल्ली, नोएडा, उत्तर प्रदेश व बिहार के अलग-अलग शहरों में दबिश देकर आरोपियों को गिरफ्तार किया। बताया कि यदि एक साथ पुलिस यह कार्रवाई नहीं करती तो सभी आरोपियों को पकड़ना मुश्किल होता। पीड़िता ने बताया कि सेवानिवृत्त के बाद मिले सारे पैसे उसने ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिए थे। बताया कि उसने इसकी जानकारी घर व रिश्तेदार में से किसी को नहीं दी। पहली बार उसने 13 अगस्त को सायबर सेल बालाघाट को इस जानकारी से अवगत कराया था। (MP News)
एक रिपोर्ट के अनुसार मप्र में पांच साल के अंदर सायबर अपराधियों ने करीब 1054 करोड़ रुपए की ठगी की है। इसमें से 10 फीसदी राशि होल्ड व एक फीसदी राशि वापस हुई।
निरीक्षक राजमल दायमा, उप नि. धर्मेंद्र जोनवार, अभिमन्यू द्विवेदी, दिलीप करण नायक, कमलेश यादव व अभिलाष मिश्रा। प्रधान आरक्षक नवीन कुल्हाड़े व राहुल गौतम। आरक्षक शेख शहजाद मनोज गुर्जर, लक्ष्मी बघेल, आशुतोष सिंह, अंकुर गौतम, अरविंद जाटव, राकेश कुल्हाड़े. संदीप जाट रोमेश मिश्र, जयप्रकाश, प्रदीप पुट्टे, अजय नामदेव, बलराम यादव व सुभाष देवासे।। महिला आरक्षक अलका, पटेल, मेघा तिवारी, चांदनी हैं।