MP News: चार दशक से नक्सल समस्या से जूझ रहे क्षेत्र में पहली बार महिला नक्सली ने हथियार डाल दिए। सुरक्षा एजेंसियों को मिली बड़ी सफलता।
Female Naxalite sunita surrenders: नक्सल आतंक से लंबे समय से जूझ रहे एमपी के बालाघाट जिले में पहली बार किसी महिला नक्सली ने सरेंडर कर दिया है। सुनीता नाम की यह महिला माओवादी करीब 12 वर्षों से नक्सली संगठन का हिस्सा थी। सुनीता एमएमसी जोन प्रभारी तथा सीसी मेंबर रामधेर की हथियारबंद गार्ड के रूप में सक्रिय रही।
महिला नक्सली सनीला ने हॉक फाॅर्स (Hawk Force) के सहायक सेनानी के समक्ष मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया। सनीला ने 1 नवंबर को जिले के चौरिया में बन रहे हॉकफोर्स के कैंप में आत्मसमर्पण किया। वह नक्सलियों के एमएमसी जोन प्रभारी और सीसी मेंबर रामदेर की हथियारबंद गार्ड थी। हॉकफोर्स के सहायक सेनानी रूपेंद्र धुर्वे के समक्ष यह समर्पण हुआ।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर की महिला माओवादी सुनीता ने बालाघाट पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। फरवरी 2025 से इस क्षेत्र में सक्रिय सुनीता अपने दलम के लीडर रामधेर की गार्ड के रूप में काम कर रही थी और एमएमसी मेंबर के तौर पर नक्सली गतिविधियों को अंजाम दे रही थी। आईजी बालाघाट रेंज संजय कुमार ने इस सरेंडर की पुष्टि की है। उनके मुताबिक, महिला माओवादी के आत्मसमर्पण की प्रक्रिया फिलहाल जारी है।
बालाघाट में आखिरी बार वर्ष 2013 में मलाजखंड टाडा दलम के माओवादी बीरसिंह उर्फ मुक्का ने सरेंडर किया था। लगभग 12 साल बाद हुए इस आत्मसमर्पण को सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है। मिशन 2026 के तहत नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने की रणनीति को यह बड़ा बूस्ट है। पुलिस छत्तीसगढ़ के सरेंडर्ड टॉप नक्सल लीडर्स की तस्वीरें लगाकर माओवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने की मुहिम चला रही है। (mp news)