BJP Bharti Pardhi Vs Congress Samrat Singh Saraswar : लोकसभा चुनाव 2024 के रण में 4 जून को बालाघाट लोकसभा सीट के परिणाम घोषित हो गए हैं। इस सीट पर भाजपा की भारती पारधी ने जीत दर्ज की है।
Balaghat Seat Result 2024 :लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आने शुरू हो गए हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा की आंधी चली है, जिसमें कांग्रेस पूरे चारों खाने चित्त हो गई है। बालाघाट लोकसभा सीट पर भाजपा ने निर्णायक जीत हासिल की है। बालाघाट संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी भारती पारधी 7 लाख 12 हजार 660 वोट हासिल कर चुनाव जीती हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी सम्राट सिंह सरस्वार को 1 लाख 74 हजार 512 वोटों से हराया है। बता दें कि निकटतम प्रतिद्वंदी सम्राट सिंह सरस्वार को कुल 5 लाख 38 हजार 148 वोट मिले हैं।
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 ( Loksabha Election Result 2024 ) के 4 चरण में हुए मतदान के आज 4 जून 2024 को परिणाम घोषित हो गए हैं। इन्हीं में से एक मध्य प्रदेश की बालाघाट संसदीय सीट महाकौशल रीजन की हॉट सीटों में से एक है। मूल रूप से बालाघाट को 'बुरहा' के नाम से जाना जाता है। बाद में इस क्षेत्र का नाम बदल कर 'बालाघाट' रखा गया है।
बालाघाट का अर्थ है 'घाटों के ऊपर या पास'। बालाघाट सीट 1 नवंबर साल 1956 को मध्य प्रदेश का जिला बना। बता दें, बालाघाट लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बालाघाट और सिवनी जिले आते हैं।
बालाघाट लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव 2024 में निर्वाचित हुईं भाजपा की भारती पारधी अब जनता द्वारा चुनी गई हैं। हालांकि, अबतक बालाघाट में सांसद ढाल सिंह बिसेन थे, जिनका टिकट इस बार पार्टी ने काटते हुए पार्षद भारती पारधी को मौका दिया है। भारती पारधी पंवार समाज से आती हैं और उनके ससुर स्वर्गीय भोलाराम पारधी सांसद रहे हैं। भारती पारधी महिला मोर्चा व जिला संगठन में कई पदों पर भी काम कर चुकी हैं।
वहीं, इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से सम्राट सिंह सरस्वार को उम्मीदवारी सौंपी गई है। सरस्वार मौजूदा समय में जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। सम्राट पूर्व विधायक अशोक सिंह सरस्वार के बेटे हैं और लंबे समय से बालाघाट जिले में सक्रिय नेता के तौर पर काम कर रहे हैं।
बता दें कि, बालाघाट लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। इसके पीछे वजह ये है कि साल 1998 से इस सीट पर भाजपा ही कब्जा जमाए हुए है। 26 साल और 6 बार से इस सीट पर बीजेपी की जीत हो रही है, जबकि इससे पहले 8 बार तक कांग्रेस का बालाघाट पर राज रहा था। इस सीट पर आखिरी बार कांग्रेस साल 1996 में जीती थी। 1998 से पहले इस सीट पर 8 बार कांग्रेस ही जीती थी।
महाकौशल की सीट बालाघाट पर बीते पांच चुनाव के नतीजे देखे जाएं तो बीजेपी ने यहां से लगातार जीत हासिल की है। साल 1999 में प्रहलाद पटेल बालाघाट से सांसद बने। इसके बाद 2004 में गौरीशंकर बिसेन पर बीजेपी ने भरोसा जताया, जिस पर वो खरे उतरे। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने केडी देशमुख को टिकट दिया और उन्होंने भी यहां से जीत हासिल की। इसके बाद साल 2014 में बोध सिंह भगत बालाघाट से बीजेपी सांसद बने। साल 2019 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार ढाल सिंह बिसेन ने यहां से जीत हासिल की। अब देखना ये होगा कि क्या इस बार के चुनाव में बीजेपी ने भारती पारधी जीत के इस सिलसिले को जारी रख पाती हैं कि नहीं ?
दरअसल, बालाघाट लोकसभा सीट पर कुल 1,756,715 मतदाता हैं, जिसमें साक्षरता दर लगभग 66.25 फीसद है। आंकड़ों के अनुसार, बालाघाट में ग्रामीण जनसंख्या 1,489,694 (84.8%) और शहरी जनसंख्या 267,021 (15.2%) है।
बालाघाट में हिन्दू आबादी 92.88 फीसदी है। इसके अलावा, करीब 3.32 प्रतिशत बौद्ध, 3.5 फीसदी मुस्लिम और 0.3 प्रतिशत जैन जनसंख्या है। ऐसे में यहां जाति-आधारित मतदान एक प्रमुख कारक है। माना जा रहा है कि यहां एसटी और एससी वोट स्थानीय मुद्दों के मद्देनजर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बंट सकता है। हालांकि, यहां प्रमुख आबादी ओबीसी है, जो यहां किंगमेकर के तौर पर देखी जाती है। ये समूह बीजेपी के पक्ष में वोट करता है, इसलिए बालाघाट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है।