Balod News: विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत सिंगारपुर के किसान संजूराम निषाद की बेटी धनेश्वरी निषाद (22) पहले नगर सैनिक (होम गार्ड) के पद पर चयनित हुई।
CG News: विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत सिंगारपुर के किसान संजूराम निषाद की बेटी धनेश्वरी निषाद (22) पहले नगर सैनिक (होम गार्ड) के पद पर चयनित हुई। अब उनका चयन छत्तीसगढ़ जिला पुलिस बल में आरक्षक के पद पर हुआ है। कड़ी मेहनत से दो पदों पर उन्हें सफलता मिली है।
धनेश्वरी ने पहली से आठवीं तक की शिक्षा प्राथमिक शाला एवं शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सिंगारपुर में ली। कक्षा नवमी से बारहवीं तक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फरदफोड़ में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने शहीद दुर्वासा निषाद शासकीय महाविद्यालय अर्जुन्दा से बीए में स्नातक तक
पढ़ाई की।
उन्होंने बताया कि 2019 से तैयारी शुरू की थी। प्रतिदिन सुबह उठकर दौडऩे के लिए दूसरे गांव तक जाती थीं। कई बार आर्मी भर्ती में प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। कभी हिम्मत नहीं हारी। यूट्यूब और इंटरनेट से भी तैयारी की। आखिरकार 2025 में उनका नाम नगर सेना में नगर सैनिक के रूप में बालोद जिले में मेरिट लिस्ट में प्रथम नंबर पर आया। अब दिसंबर में जिला पुलिस बल में आरक्षक पद पर सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि अब बेटियां भी किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं है। स्कूल और कॉलेज में शुरू से ही खेल में भी हमेशा प्रथम आती थी। ठान लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, मैं हार नहीं मानूंगी।
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय पिता संजू राम निषाद और माता रजनी बाई निषाद, भैया रोहित निषाद, उकेश निषाद सीआरपीएफ, मामा गजानंद निषाद जिला पुलिस बल और गुरुजनों को दिया।
गांव की तीन बेटियां केन्द्रीय बलों में सेवाएं दे रही है। भुनेश्वरी बोरकर केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, दिव्या बोरकर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, मनीषा पाल छत्तीसगढ़ पुलिस जिला बल में आरक्षक हैं।
उन्होंने कहा कि सफलता एक दिन में नहीं मिलती, लेकिन एक दिन जरूर मिलती है। समर्पण, धैर्य, संयम, अनुशासन और लक्ष्य निर्धारित कर मेहनत करने से सफलता मिलती है। बचपन से ही वर्दी पहनने का जुनून था, जो पूरा हुआ।
उन्होंने कहा कि जो युवा सेना या किसी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो वे अपनी सेहत का ध्यान रखें और नशे से दूर रहें। सोशल मीडिया से दूर रहें और हताश कभी न हों। बिना त्याग के कुछ भी नहीं मिल सकता। लड़कियों को भी आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है। घर वालों ने शादी के लिए दबाव बनाया, लेकिन जिद में अड़ी रही कि जब तक सफल नहीं होऊंगी, शादी नहीं करूंगी।