CG Diarrhea News: छत्तीसगढ़ में मानसून के चलते स्वाइन फ्लू, कोरोना, डेंगू और डायरिया जैसे बीमारियों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। बालोद जिले तक डायरिया आ पहुंचा। यहां तीन दिन में 75 लोग बीमार पड़े।
CG Diarrhea News: बालोद जिले के ग्राम सिकोसा, फागुनदाह, पैरी के बाद ग्राम कुसुमकसा में डायरिया ने पांव पसार लिया है। इस गांव में तीन दिनों में 75 लोग डायरिया से पीड़ित हुए हैं। 15 लोगों की स्थिति गंभीर होने पर बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है।
CG Diarrhea News: डायरिया का पहला मामला सोमवार को आया था। गांव के क्रांति चौक के आसपास 27 घरों के लोगों को उल्टी दस्त की शिकायत शुरू हुई। स्वास्थ्य विभाग ने गांव में कैंप लगाकर इलाज शुरू किया। तीन दिनों में 75 लोग डायरिया से पीड़ित हो गए। डायरिया फैलने का कारण गंदे पानी का सेवन करना है। हालांकि कुसुमकसा में संचालित समस्त बोर व हैंडपंप का पानी का जांच के लिए भेजा गया है।
लगभग सभी गांवों में घर-घर नल कनेक्शन के माध्यम से पानी की सप्लाई हो रही है। कई जगह बिछाई गई पाइपलाइन गुणवत्ताहीन है। ऐसे में पाइपलाइन टूट रही है। कहीं भी फॉल्ट दिखाई दे तो तत्काल सुधरवा लें। उच्च क्वालिटी के पाइप का उपयोग करें। कम गुणवत्ता की पाइप टूटने से पूरे गांव में गंदे पानी की सप्लाई होगी। सरपंच को भी गंभीरता बरतने की जरूरत है।
ग्राम पंचायत में ग्रामीणों ने शिकायत की, लेकिन टंकी जर्जर होने एवं सीढ़ी टूट जाने के कारण पंचायत प्रतिनिधि दवाई भी नहीं डाल पा रहे हैं। ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि और लोक स्वास्थ्य विभाग भी गंभीर दिखाई नहीं दिए, जिससे गांव में डायरिया फैल गया।
ग्राम पंचायत कुसुमकसा की नल जल योजना के तहत जिस बोर से पाइपलाइन के माध्यम से पानी टंकी भरी जा रही है। बोर के पास ही पाइपलाइन क्षतिग्रस्त है। पानी भरते समय पाइपलाइन से पानी बाहर (CG Diarrhea News) निकल रहा है। वही पानी वापस मिट्टी कीटाणु के साथ पाइपलाइन में जा रहा है। टंकी की सफाई लगभग दो वर्षों से नहीं हुई है। सार्वजनिक नलों में गंदे पानी के साथ कीड़े निकल रहे हैं।
CG Diarrhea News: यहां भी पानी टंकी को खाली कराया गया। ग्रामीणों को भी साफ सफाई पर ध्यान देने, साफ एवं उबले हुए पानी पीने के निर्देश दिए हैं। अभी गांव में स्वास्थ्य कैम्प लगाकर स्वास्थ्य जांच की जा रही है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमके सूर्यवंशी ने बताया कि कुसुमकसा में अब डायरिया के मरीज कम मिल रहे हैं। पहले से स्थिति सामान्य है। जो मरीज गंभीर हैं, उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है।