बालोद

इस गांव में कच्ची शराब के लिए शराबियों का लगता है मजमा

ग्राम सेमरकोना के टिकरापारा में लगभग 50 घरों में कच्ची यानी महुआ शराब बनाने की जानकारी ग्रामीणों ने एसपी, कलेक्टर व आबकारी विभाग को दी है। गांव में पूरी तरह से कच्ची शराब निर्माण को बंद कराने की मांग की है।

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Raw liquor ग्राम सेमरकोना के टिकरापारा में लगभग 50 घरों में कच्ची यानी महुआ शराब बनाने की जानकारी ग्रामीणों ने एसपी, कलेक्टर व आबकारी विभाग को दी है। गांव में पूरी तरह से कच्ची शराब निर्माण को बंद कराने की मांग की है।

गांव के बच्चे भी बिगड़ रहे

ग्रामीणों ने शासन प्रशासन व आबकारी विभाग से कहा कि शराब खराब है। इससे गांव के बच्चे बिगड़ रहे हैं। शराबबंदी बहुत जरूरी है। यहां कच्ची यानी महुआ शराब पीने के लिए दर्जनों गांव के शराबी आते हैं। गांव में शराबियों का मजमा लगा रहता है। आबकारी विभाग ने कहा कि जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

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हम खेती नहीं करते, शराब बनाकर परिवार चलाते हैं

ग्रामीण रुखमणि, सरिता सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि ग्रामीणों ने कई बार टिकरापारा में शराब बनाना बंद कराने का प्रयास किया, लेकिन शराब बनाने वाले कहते हैं कि हम खेती नहीं करते। ऐसे में हम जीवनयापन कच्ची शराब बनाकर करते हैं। वहीं विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने आए तो घुसने नहीं देते हैं।

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20 रुपए गिलास में बिकती है कच्ची शराब

महिला सरिता, फूलबती गोमती ने कहा कि इस मोहल्ले में 20 रुपए गिलास में आसानी से महुआ शराब मिल जाती है, जिसे खरीदने छोटे बच्चे भी आते हैं। गांव का माहौल इतना ज्यादा खराब है कि गांव की सड़क, गली मोहल्ले में शराब पीकर शराबी पड़े रहते हैं। गाली-गलौज भी करते हैं। महिलाओं का इस मार्ग से गुजरना मुश्किल हो गया है। स्कूली बच्चे भी मुख्य मार्ग से नहीं गुजर पाते।

महिलाओं ने कहा- शराब बंदी करके रहेंगे

महिलाओं ने कहा कि अब और नहीं सहना है। गांव में किसी भी हाल में शराब नहीं बेचने देना है। कलेक्टर, एसपी व आबकारी विभाग हर हाल में गांव में पूरी तरह से शराब बंद कराए। इस दौरान लगभग 50 से अधिक महिलाएं उपस्थित रही।

करेंगे कार्रवाई

जिला आबकारी अधिकारी राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि ग्रामीणों से शिकायत मिली है। इस पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

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