Chhath Puja 2025: बालोद जिले के लोक आस्था का महापर्व छठ सोमवार को श्रद्धा भाव से मनाया जाएगा। रविवार को खरना के बाद उपवास शुरू किया।
Chhath Puja 2025: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के लोक आस्था का महापर्व छठ सोमवार को श्रद्धा भाव से मनाया जाएगा। रविवार को खरना के बाद उपवास शुरू किया। सोमवार को व्रती महिलाएं डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य देंगी। मंगलवार को सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ पर्व का समापन होगा। यूपी-बिहार सहित अन्य लोग जिला मुख्यालय के बूढ़ा तालाब में एकत्र होंगे। व्रतधारी महिलाएं विधि-विधान से छठी मैय्या का पूजन कर डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी।
आज सोमवार को व्रती महिलाएं डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य देंगी और मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को दूसरा अर्घ्य देकर व्रत का समापन करेंगी। व्रतधारी महिलाएं परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की दीर्घायु और आरोग्यता की कामना करती हैं।
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में, विशेषकर यूपी-बिहार से जुड़े परिवारों के बीच यह पर्व बड़ी श्रद्धा से मनाया जा रहा है। तालाबों और नदियों के घाटों को सजाया गया है। प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था और साफ-सफाई के विशेष इंतज़ाम किए गए हैं।
भक्ति से सराबोर माहौल में “उग हे सूरज देव”, “कांचे ही बांस के बहंगिया” जैसे पारंपरिक गीतों की गूंज सुनाई दे रही है। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में पूजा सामग्री लेकर घाटों की ओर जा रही हैं। छठ का यह पर्व प्रकृति, सूर्य और जल की उपासना का प्रतीक है, जो भारतीय संस्कृति में आस्था, अनुशासन और पवित्रता का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है।