CG Tourism: बलौदाबाजार के बारनवापारा अभयारण्य से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित हरेली इको रिजॉर्ट अब एडवेंचर और नेचर लवर्स के लिए नया हॉटस्पॉट बनकर उभर रहा है...
CG Tourism: छत्तीसगढ़ का पर्यटन एडवेंचर और इको टूरिज्म की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में बलौदाबाजार के बारनवापारा अभयारण्य से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित हरेली इको रिजॉर्ट अब एडवेंचर और नेचर लवर्स के लिए नया हॉटस्पॉट बनकर उभर रहा है। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड की पहल से यहां एक साथ बैंबू राफ्टिंग, कयाकिंग और जंगल सफारी का रोमांच पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है।
हरेली इको रिजॉर्ट अब केवल ठहरने की जगह नहीं रहा, बल्कि यह प्रकृति, रोमांच और स्थानीय संस्कृति का एक ऐसा संगम बन गया है। जहां पर्यटक शहरों की भागदौड़ से दूर जंगल के बीच सुकून और साहसिक अनुभव दोनों का आनंद ले रहे हैं।
अब तक छत्तीसगढ़ में बैंबू राफ्टिंग का नाम आते ही बस्तर क्षेत्र का जिक्र होता था। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के आसपास धुड़मारस और मांझीपाल जैसे इलाकों में बांस की नाव पर शांत नदियों में तैरने का अनुभव पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है, लेकिन अब बस्तर के बाद छत्तीसगढ़ का दूसरा बैम्बू राफ्टिंग स्थल बलौदाबाजार जिले का हरेली इको रिजॉर्ट बन गया है। हरेली इको रिजॉर्ट में फरवरी 2025 से शुरू हुई बैम्बू राफ्टिंग पर्यटकों को घने जंगलों के बीच स्थित शांत प्राकृतिक झील में एक अनूठा अनुभव देती है। यह गतिविधि पूरी तरह इको फ्रेंडली है और पर्यावरण के साथ सामंजस्य बनाकर संचालित की जा रही है।
छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड की पूनम शर्मा ने बताया कि हरेली इको रिजॉर्ट में सोलर पैनल के जरिए पूरी व्यवस्था की गई है। मोहदा स्थित हरेली इको रिजॉर्ट में सालभर पर्यटक आते हैं। 21 दिसंबर तक प्रदेश के सभी रिसॉर्ट में कई कार्यक्रम कराए जा रहे हैं। 144 जगहों को टूरिस्ट डेस्टीनेशन के रूप में चिन्हांकित किया गया है, जिससे पर्यटन, पर्यटकों और स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड की जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अनुराधा दुबे ने बताया कि हरेली इको रिजॉर्ट लगभग साढ़े 4 एकड़ में फैला हुआ है।
रिजॉर्ट से लगा हुआ एक झील है, जिसमें एक आयलैंड है। इस आयलैंड पर ब्यूटीफिकेशन का काम किया जा रहा है। बस्तर में बैंबू राफ्टिंग की सफलता के बाद बलौदाबाजार के हरेली इको रिजॉर्ट में बैंबू राफ्टिंग और कयाकिंग किया जा रहा है। आमतौर पर पहले यहां लोग सिर्फ एक नॉर्मल पिकनिक के लिए आते थे, लेकिन अब बैंबू राफ्टिंग और कयाकिंग के जरिए पर्यटकों को काफी रोमांच भरा अनुभव मिल रहा है।
हरेली इको रिजॉर्ट लगभग 4.5 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहां स्थित प्राकृतिक झील में पानी की गहराई 8 से 15 फीट तक है, जहां बांस से बनी नावों पर सवार होकर पर्यटक सुकून और रोमांच का अनोखा संगम महसूस करते हैं। चारों ओर हरियाली, पक्षियों की आवाजें और जंगल की ठंडी हवा इस अनुभव को और खास बना देती हैं। खास बात यह है कि यह राफ्टिंग तेज बहाव वाली नदी में नहीं, बल्कि शांत झील में होती है, जिससे यह हर उम्र के पर्यटकों के लिए सुरक्षित और आनंददायक बन जाती है।
हरेली इको रिजॉर्ट को केरल की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। जहां ईको-टूरिज्म और एडवेंचर गतिविधियों को पर्यावरण संरक्षण के साथ जोड़ा गया है। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड की जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अनुराधा दुबे ने बताया कि हरेली इको रिजॉर्ट में जल्द ही कैम्पेनिंग की सुविधा भी शुरू की जाएगी। इसके तहत पर्यटक जंगल के बीच टेंट लगाकर ठहर सकेंगे, ट्रेकिंग कर सकेंगे और प्रकृति को बेहद करीब से निहार सकेंगे।